पूरे देश में वसंत पंचमी का पर्व आज (मंगलवार) मनाया जा रहा है। गृह-प्रवेश, शादी-ब्याह आदि कार्यों के लिए यह दिन शुभ माना जाता है। यह दिन बच्चों की शिक्षा शुरू करने के लिए शुभ है। इस मौके पर मां सरस्वती का पूजन किया जाता है। श्रद्धालु पीले वस्त्र धारण करते हैं और भगवान को पीले चावलों का भोग लगाया जाता है।
आज से करें पढ़ाई का शुभारंभ
पुराणों में कहा गया है कि संसार में उदासी थी तो ब्रह्मा जी ने कमंडल से जल छिड़क कर सरस्वती जी को उत्पन्न किया। इससे संसार की उदासी दूर हुई।
बच्चों को इस दिन से पढ़ाई की शुरुआत करानी चाहिए। इससे उनकी बुद्धि कुशाग्र होती है। आचार्य सुशांत राज का कहना है कि वसंत पंचमी के दिन गुरु की पूजा करनी चाहिए। आंखें बंद कर मां सरस्वती का ध्यान करें।
पुराणों में कहा गया है कि संसार में उदासी थी तो ब्रह्मा जी ने कमंडल से जल छिड़क कर सरस्वती जी को उत्पन्न किया। इससे संसार की उदासी दूर हुई।
बच्चों को इस दिन से पढ़ाई की शुरुआत करानी चाहिए। इससे उनकी बुद्धि कुशाग्र होती है। आचार्य सुशांत राज का कहना है कि वसंत पंचमी के दिन गुरु की पूजा करनी चाहिए। आंखें बंद कर मां सरस्वती का ध्यान करें।
कन्याओं का पूजन
मंगलवार को मंदिरों और घरों में विशेष पूजन किया जाएगा। जौ की बालियां भगवान विष्णु को चढ़ाई जाएंगी। साथ ही दो से दस वर्ष की कन्याओं को सरस्वती मां के रूप में पूजा जाएगा। पीले वस्त्र पहनकर, पीले मीठे चावलों का भोग भगवान को लगाया जाएगा।
छात्र इस मंत्र का करें जाप
ऊं हीं श्रीं ऐं वाग्वाहिनी अर्हन्मुख निवासिनी सरस्वती मामस्ये प्रकाशं कुरू कुरू स्वाहा: