कुछ इस तरह पूजाघर से आती है सकारात्मक ऊर्जा

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घर में पूजाघर सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र होता है। यदि पूजाघर वास्तु के अनुकूल हो तो सकारात्मक शक्तियां घर में प्रवेश करती हैं। इससे घर में रहने वाले लोगों के भाग्य में वृद्धि होती है। घर में वास्तु के अनुसार पूजा घर कैसा हो ऐसे में आप कुछ टिप्स आजमा सकते हैं।

  • बहुमंजिला इमारतों में पूजाघर नीचे की मंजिल में ही होना चाहिए।
  • भगवान की मूर्ति का मुंह पश्चिम या दक्षिणी की ओर होना चाहिए।
  • इष्ट देवता का स्थान उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए।
  • घर में केवल एक अंगुल से लेकर बारह अंगुल तक की प्रतिमाओं की पूजा करनी चाहिए।
  • हनुमानजी का मुंह नैऋत्य दिशा की ओर हो तो शुभ होता है।
  • भगवान शिव और पार्वती की प्रतिमाएं अग्निकोण में होनी चाहिए।
  • पूजाघर में स्थापित मूर्तियों को प्रतिष्ठित चौकी या वस्त्र पर रखें। उनके सामने जलाया जाने वाले दीपक के नीचे चावल रखें।
  • खंडित अथवा टूटी मूर्तियां न रखें। इनसे अशुभता और अकाल मृत्यु की संभावना बनी होती है।
  • ब्रह्म, विष्णु, शिव, इंद्र, सूर्य, कार्तिकेय आदि का मुंह पश्चिम दिशा में होना चाहिए।
  • उत्तर दिशा में कुबेर का निवास रहता है। अतः कुबेर यंत्र, तिजोरी, गल्ला (कैश बॉक्स) उत्तर दिशा की ओर रखें।
  • पूजाघर का रंग हल्के नीले अथवा पीले रंग का होना श्रेष्ठ होता है। इससे ध्यान करते समय मन भटकता नहीं है।