प्राचीन एवं प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थ पुष्कर का पवित्र सरोवर अजमेर से 11 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम की ओर 1539 फीट ऊंचाई पर स्थित है। अजमेर और पुष्कर के बीच नाग पहाड़ हैं जो दोनों के बीच सीमा रेखा का काम करता है। यहां पहाड़ी चट्टानों की संकीर्ण घाटी में पुष्कर की पवित्र झील स्थित है जहां अनन्तकाल से प्रतिवर्ष लाखों हिन्दू यात्रा के लिए आते हैं।

इस स्थान का नाम पुष्करराज है, जिसका अर्थ यह हुआ कि यह तीर्थ समस्त तीर्थों का राजा है। भारत के प्रसिद्ध चारों धाम बद्रीनाथ, जगन्नाथपुरी, रामेश्वरम् एवं द्वारिकापुरी के दर्शन का फल तब तक अपूर्ण रहता है जब तक पुष्कर में स्नान न कर लिया जाए। जगत् पिता ब्रह्माजी का एकमात्र मंदिर पुष्कर में ही है। कहते हैं कि, ब्रह्माजी ने यहां हजारों साल तपस्या की थी।

पुष्कर में 52 घाट हैं हालांकि इनमें उल्लेखनीय घाटों की संख्या 15 ही है। हिन्दू मान्यता है कि पुष्कर में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं। यहां वर्ष भर आने वाले तीर्थयात्रियों के साथ-साथ भारी तादाद में देशी-विदेशी सैलानी भी घूमने एवं दर्शनों के लिए आते हैं। प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा (अक्टूबर-नवम्बर) में यहां 10 दिनों तक मेला भी लगता है।

By parshv