हर कोई व्यक्ति भगवान की ख़ास तरीके से पूजा पाठ करते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जंहा पर भगवान की पूजा नहीं की जाती। आप यह जानकर हैरान जरूर हुए होंगे लेकिन पुरी में मौजूद भगवान जगन्नाथ की पूजा नहीं की जाती है।
यहां नहीं की जाती भगवान की पूजा:
ऐसा कहा जाता है कि भगवान विष्णु जब चारों धामों पर बसे अपने धामों की यात्रा पर गए थे तब उन्होंने हिमालय की ऊंची चोटियों पर बने अपने धाम बद्रीनाथ में स्नान किया था। इसके बाद पश्चिम में गुजरात के द्वारिका में वस्त्र धारण किये थे फिर वह पुरी में निवास करने लगे और बन गए जग के नाथ अर्थात जगन्नाथ और उन्हें जगन्नाथ के रूप में आज भी माना जाता है।
चार धामों में से एक है ये धाम:
जगन्नाथ धाम चार धामों में से एक है, इस स्थान पर जगन्नाथ के बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान है। भगवान कृष्ण ही जगन्नाथ का रूप है। पूरी में जगन्नाथ के साथ उनके भाई बलभद्र (बलराम) और बहन सुभद्रा की मूर्तियां काष्ठ की बनी हुई हैं जिसके चलते यहां प्रत्येक 12 साल में सिर्फ एक बार प्रतिमा का नया कलेवर किया जाता है।
केवल दर्शन के लिए है ये मूर्तियां:
इन मूर्तियों का निर्माण किया जाता है लेकिन उनका अकार और रूप वैसा का वैसा ही होता है। ऐसा कहा गया है कि इन मूर्तियों की पूजा नहीं होती केवल यंहा मूर्तियां दर्शन के लिए रखी गई है।