मंदिर से विवाह करने पर भी देना होगा बालिग होने का प्रमाण पत्र

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रहली। सिद्ध क्षेत्र रानगिर के हरसिद्धी मंदिर में वर्षभर विवाह आदि संस्कार संपन्न होते हैं। वर्ष की दोनों नौ रात्रि में विशेष मेलों का आयोजन किया जाता है। मंदिर ट्रस्ट समिति में तहसीलदार सचिव है। तथा आसपास में तीन पदेन सरपंच सहित स्थानीय पंडा सदस्य है। इन्हीं में से पंडित सीताराम अध्यक्ष हैं। मंदिर में व्यवस्था संबंधी एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में कई निर्णय लिए गए। तहसीलदार व मंदिर समिति ससचि रमेश परमार ने बताया मंदिर में संपन्न होने वाले विवाह विधिवत पंजीकृत किए जाएंगे।

वर एवं वधु के जन्म संबंध दस्तावेज प्रस्तुत करना अनिर्वाय किया गया है। विवाह एवं मुंडन संस्कार के लिए 501 और 151 रूपए निर्धारित किए गए हैं। इसी राशि में से पंडित और नाई के लिए भुगतान किया जाएगा। श्रद्धालु से अलग कोई राशि वसूल करना असंवैधानिक माना जाएगा। पंजीयन शुल्क लेने की विधिवत रसीद प्रदान की जाएगी। इसमें वर-वधु की पूरी जानकारी दो-दो गवाहों के साथ भरी जाएगी। रसीद का बंच सचिव तहसीलदार से प्रमाणित रहेगा। सदस्यों ने मांगा हिसाब बैठक में यह पहला अवसर था, जिसमें दो सदस्यों को छोडकर शेष सभी सदस्य उपस्थित हुए। अनुपस्थित सदस्यों में एक जेल में है तो दूसरे सदस्य बाहर होने के कारण अनुपस्थित रहे। समिति सदस्य अनिल शास्त्री ने विगत वषोर्ं का लेखा जोखा सदस्यों के बीच रखने की मांग की, जिसका सभी ने समर्थन किया।

प्रशासनिक तौर पर ट्रस्ट सचिव तहसीलदार रमेश परमार ने अध्यक्ष से पूरा हिसाब बनाकर शीघ्र ही प्रस्तुत करने को कहा है। ज्ञातव्य हो कि ट्रस्ट का मामला इसी बात को लेकर न्यायालय में विचाराधीन है।