राजा और चित्रकार – एक प्रेरक कहानी

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एक राज्य में एक राजा राज करता था। राजा कि एक आँख और एक पैर नहीं था। इसके बावजूद वो अपनी प्रजा का अच्छे से ख़याल रखता था। उनकी ज़रूरतों का भी ध्यान रखता था। उसके राज्य में सारी प्रजा ख़ुश थी। वो बहुत बुद्धिमान और प्रतापी राजा था। एक दिन राजा के मन में ये ख़याल आया कि मैं अपनी सबसे सुंदर तस्वीर बनवाऊँ। तो फिर राजा ने इसके लिए राज्य में ये ऐलान करवाया कि राजा को अपनी तस्वीर बनानी है। इस ऐलान पर दूर दूर से सभी चित्रकार आये और महल में एकत्रित हुए। तभी राजा ने उनसे अपनी सबसे सुंदर तस्वीर बनाने के लिए कहा।

ये सुनकर सभी चित्रकार सोच में पड़ गये क्योंकि राजा के न तो एक पैर हैं और न आँख, तो सबसे सुंदर तस्वीर कैसे बनायें। सभी चित्रकारों ने सोचा की तस्वीर सुंदर न बनने पर राजा उन्हें दंड भी दे सकता है, अतः सभी चित्रकारों ने तस्वीर बनाने से हाथ पीछे कर लिया।

तभी एक चित्रकार ने हाथ उठाया और कहा मैं आपका चित्र बनाऊँगा। कुछ देर के बाद जब चित्रकार तस्वीर बनायी तो उसके द्वारा बनायी गयी तस्वीर को देखकर सभी स्तब्ध हो जाते हैं। उस चित्रकार ने अपनी सूझबूझ और समझ से राजा की एक ऐसी सुंदर तस्वीर बनायी जिसे राजा देखकर अति प्रसन्न हुआ। चित्रकार ने राजा की एक ऐसी तस्वीर बनायी जिसमें राजा एक पैर को ज़मीन में मोड़कर तथा एक आँख बंद करके शिकार कर रहा हैं इस तरह से उसने राजा की कमियों को छुपाकर एक सुंदर तस्वीर बनायी। जिसे देखकर राजा ने उस चित्रकार को बहुत सारा इनाम भी दिया और धन भी दिया।