विश्व के सामने संकट उत्पन्न कर सकता है सूर्य – शनि का एक दुसरे पर नीच द्रष्टि डालना

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इमालवा – विविध | आने वाले दिनों में ग्रहों के योग क्या कुछ कर सकते है ?  इसके बारे में ज्योतिष शास्त्रियों का आकलन चिंताए बढाने वाला है | ज्योतिषीय गणना के हिसाब से इन दिनों विश्व राजनीति में विस्फोटक स्थिति बन रही है | खासकर यह समय तानाशाही से संचालित देशो के लिए बहुत ही विकट है | ग्रहों की चाल के कारण इन दिनों तानाशाह किस्म के लोगो का स्व-नियंत्रण कमजोर हो रहा है | उनके उटपटांग निर्णयों से सम्पूर्ण मानवता के सामने संकट तक खडा हो सकता है | इसी तरह  तानाशाह प्रवर्ति के मन – मष्तिष्क वाले राजनेता भी अपने उटपटांग बयानों के कारण संकट खड़े कर सकते है |
रतलाम के राज – ज्योतिषी पंडित गोचर शर्मा का आकलन है की चैत्र  माह के इस शुक्ल पक्ष में मेष एवं तुला राशि में भ्रमण कर रहे ग्रहों के कारण इस तरह की विचित्र स्थिति बनी हुई है |
श्री शर्मा के अनुसार अप्रेल माह के दुसरे पखवाड़े से ठीक पहले 13 – 14 अप्रैल को रात्रि में 1:28 मिनट पर सूर्य गृह ने अपनी उच्च राशी मेष में प्रवेश किया था |   उस समय मेष राशी में मंगल, केतु एवं शुक्र पूर्व से मौजूद थे,  इनके साथ सूर्य की युति हो गई | दूसरी और इससे ठीक सप्तम भाव में तुला राशी में उच्च शनि एवं राहू जैसे ग्रहों की मौजूदगी बनी हुई थी | षड ग्रहों के इस केंद्र योग में 25 – 26 अप्रैल को चन्द्र तुला में एवं 8 – 9 मई को मेष राशी में भ्रमणशील होगा |
इस प्रकार ग्रहो का केंद्र योग इस तरह बन रहा है की सूर्य एवं शनि एक दुसरे के न सिर्फ सामने आ रहे है अपितु दोनों एक दुसरे पर पूर्ण नीच दृष्टि डाल रहे है | ग्रहों की यह स्थिति युद्ध का उन्मांद पैदा करती है | इसके प्रभाव अनिष्टकारी नज़र आते है | इससे तानाशाह किस्म के शासको एवं राजनेताओं के दिमाग तक विकृत हो सकते है |