30 साल बाद दिखा विशाल हिमखंड

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गोपेश्वर। बदरीनाथ से दो किलोमीटर पहले कंचनगगा के पास हाइवे पर जमा हिमखंड अब तक का सबसे बड़ा हिमखंड बताया जा रहा है। स्थानीय निवासियों की मानें तो सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के लिए चुनौती बन चुका ऐसा हिमखंड तीस साल पहले 1985 में देखा गया था।

वहीं, बीआरओ के बीस साल के रिकार्ड में भी इतने बड़े हिमखंड का जिक्र नहीं है। यह इतना विशाल है कि सड़क के चार सौ मीटर भाग को घेर रखा है और बीआरओ के जवान हिमखंड में 80 फीट की गहराई तक खुदाई कर चुके हैं। बावजूद इसके अभी तक सड़क नजर नहीं आ रही है। बदरीनाथ धाम के कपाट खुल चुके हैं और अस्थायी तौर पर की गई व्यवस्था से छोटे वाहन इस भाग को पार कर रहे हैं। यहां जवान लोहे की प्लेट बिछाकर वाहनों की आवाजाही करा रहे हैं। एहतियात के तौर पर एसडीआरएफ और पुलिस के जवान भी तैनात किए गए हैं। 16 अप्रैल को बीआरओ के जवानों ने इस विशाल हिमखंड में खुदाई शुरू की थी। बर्फ की खुदाई के लिए बीआरओ के छह डोजरों के साथ ही जेपी कंपनी की मशीनें भी लगाई गई हैं। दरअसल, जोशीमठ से हनुमानचट्टी के बीच 12 किलोमीटर क्षेत्र में शीतकाल में हिमखंड जमा होना कोई नयी बात नहीं है, लेकिन इस बार भारी बर्फबारी से हिमखंडों का आकार काफी बढ़ा था। बीआरओ ने दर्जनभर स्थानों में जमा हिमखंड तो साफ कर दिए, लेकिन कंचनगंगा में अवरोध आ गया। पांडुकेश्वर के 88 वर्षीय बुजुर्ग देवीदत्त भट्ट बतातें हैं कि उन्होंने वर्ष 1985 में इस तरह का नजारा देखा था।

हिमखंड हटाने में जुटी टीम का नेतृत्व कर रहे बीआरओ के द्वितीय कमान अधिकारी मेजर रूपज्योति दास भी बताते हैं कि संगठन के बीस साल के रिकार्ड में भी इतने विशाल हिमखंड का जिक्र नहीं है। हालांकि वह उम्मीद जताते हैं कि जल्द ही हिमखंड को साफ कर यातायात सुचारु कर दिया जाएगा।