क्या आपने कभी बीन की धुन पर सांप को नाचते हुए देखा है। असल जिन्दगी में नहीं तो फिल्मों में तो देखा ही होगा कि कसी तरह से सांप बिन की धुन सुनकर नाचने लगते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सांप के कान नहीं होते हैं। अब सवाल यह उठता हैं कि सांप के कान नहीं होने पर भी आखिर सांप कैसे बीन की धुन पर नाचने लगते हैं। तो आइये जानते हैं इसका राज।
सांप हवा में मौजूद ध्वनि तरंगों पर रिएक्शन नहीं देते, बल्कि धरती से निकलने वाले कंपन यानि वाइब्रेशंस को अपने जबड़े में पाई जाने वाली एक ख़ास हड्डी के ज़रिये महसूस करते हैं। सांप केवल हिलती-ढुलती चीजों को साफ़ देख पाते हैं।
इसलिए सपेरा जब बीन को बजाते हुए उसे इधर-उधर करता है, तो बीन के साथ-साथ सांप भी हिलता-ढुलता है और लोग यह समझते हैं कि सांप बीन की धुन पर नाच रहा है। तो अब आप भी समझ गए होंगे कि सांप बिना कान के भी बीन के सामने कैसे आ जाता है।