नए साल यानी 2018 में जलकर और संपत्तिकर ऑनलाइन जमा होने लगेंगे। नगर निगम ने तैयारी शुरू कर दी है। पहले सर्वे कर जलप्रदाय और राजस्व विभाग के सारे रिकॉर्ड को अपडेट किया जाएगा। डाटा कम्प्यूटराइज्ड होने के बाद दोनों कर ऑनलाइन जमा करने की सुविधा शुरू हो जाएगी। अपडेट कर इस सिस्टम को मोबाइल नेटवर्क से भी जोड़ा जाएगा, जिससे शहरवासी मोबाइल से भी कर जमा कर सकेंगे।

तीन-चार साल से चल रही कोशिशों के बावजूद नगर निगम जल और संपत्तिकर की 100 फीसदी वसूली नहीं कर पा रहा है। फिलहाल शहर में 32110 वैध नल कनेक्शन हैं, जिसमें से 80 से 85 प्रतिशत ही जलकर भरते हैं। बीते साल तक यही स्थिति संपत्तिकर में थी। इस बार जरूर आंकड़ा 90 प्रतिशत तक पहुंचा है, वह भी तब जबकि निगम ने घर-घर दस्तक दी। टारगेट व वसूली अंतर को पाटने ऑनलाइन टैक्स जमा करने की व्यवस्था करने जा रहा है। नए साल के पहले दो माह में ऑनलाइन टैक्स जमा होने की शुरुआत हो जाएगी।

घर-घर जाकर जानकारी जुटाएगी सर्वे टीम

ऑनलाइन टैक्स जमा करने की सुविधा के पहले जलप्रदाय और संपत्तिकर के रिकॉर्ड को अपडेट किया जाएगा। इसके लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग सर्वे टीम भेजेगा, जो घर-घर जाकर नल कनेक्शन और संपत्ति की वास्तविक जानकारी जुटाएगी। सर्वे सितंबर या अक्टूबर में प्रारंभ होने की संभावना है। नगर निगम नए डाटा को कम्प्यूटराइज्ड करेगा।

आधुनिक स्वरूप देने की कोशिश कर रहे हैं

जलकर व संपत्तिकर ऑनलाइन जमा करने की व्यवस्था नगर निगम को आधुनिक स्वरूप देने की कोशिश का एक हिस्सा है। अभी भवन निर्माण अनुमति ऑनलाइन ही दी जा रही है। ऑनलाइन सुविधा के अगले चरण में इसे मोबाइल से जोड़ा जाएगा। इसमें नागरिक स्मार्ट मोबाइल से सीधे टैक्स जमा कर सकेंगे। डॉ. सुनीता यार्दे, महापौर

अभी संपत्तिकर

भरने वाले 48000

वसूली टारगेट 7 करोड़ रुपए

वसूली हुई 6 करोड़ करीब

नहीं भरने वाले 4-5 हजार रुपए

अभी जलकर की स्थिति

नल कनेक्शन 32110

वसूली टारगेट 6 करोड़ रुपए

वसूली हुई 4.65 करोड़

अवैध कनेक्शन 4 हजार से ज्यादा

यह होगा असर

1.नए सिरे से सर्वे होने पर जल और संपत्ति कर नहीं भरने वालों का पता चल जाएगा। ऐसों को सूचीबद्ध कर शामिल करेंगे।

2. अवैध नल कनेक्शन और संपत्ति की वास्तविक स्थिति के आधार पर संबंधित मकान मालिक का शुल्क बढ़ाया जाएगा।

3. ज्यादा बिल होने पर वर्तमान व्यवस्था में व्यक्ति नया नल कनेक्शन ले लेता था, ऑनलाइन में यह संभव नहीं होगा।

4.टैक्स की वसूली का आंकड़ा बढ़ेगा।

5.टैक्स जमा करने के लिए नागरिकों को निगम के चक्कर नहीं लगाना पड़ेंगे।

6.निगम अमला भी टारगेट पूरा की भागदौड़ से बच जाएगा।

7. 100 फीसदी वसूली होने पर सरकार से नई योजना भी मिलेगी।

By parshv