रतलाम। राष्ट्रद्रोह की साजिश रचने के मामले में गिरफ्तार आरोपी इमरान, वसीम और रिजवान को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम दिल्ली ले जा सकती है। इधर बुधवार देर रात इनके एक और साथी अनवर को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। सूत्रों का कहना है कि एनआईए आरोपियों के विदेशी आतंकी संगठन से संबंध, आतंकी साजिश सहित कई बिंदुओं पर जांच कर सकती है।
सूत्रों का यह भी कहना है कि इमरान व उसके साथी कथित तौर पर संघ और भाजपा नेताओं को निशाना बनाने के अलावा किसी कथित आतंकी साजिश को अंजाम देने वाले थे। इधर जिला पुलिस ने एक बार फिर कहा है कि इमरान व उसके साथियों के किसी आतंकी संगठन से जुड़े होने की पुख्ता जानकारी नहीं है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार अभी तफ्तीश जारी है। जांच पूरी होने के बाद ही पूरे मामले का खुलासा होगा।
बता दें कि 15 अप्रैल 2015 को संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिलने पर आरोपी इमरान खान निवासी मोहननगर को एक पिस्टल व कारतूस के साथ स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उसके घर से एक लैपटॉप व संदिग्ध दस्तावेज भी जब्त किए थे। इसके बाद मामले में आरोपी वसीम निवासी रहमतनगर व रिजवान निवासी आनंद कॉलोनी को 25 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया।
इन दोनों के पास से कोई हथियार नहीं मिले थे। इधर काफी दिनों की तलाश के बाद पुलिस ने इनके एक और साथी अनवर को भी बुधवार रात गिरफ्तार कर लिया। अदालत ने इमरान और रिजवान को पहले ही जेल भेज दिया था। गुरुवार को वसीम की पुलिस रिमांड अवधि खत्म होने पर उसे भी जेल भेज दिया गया। वहीं अनवर 11 मई तक पुलिस रिमांड पर है।
कौन है युसूफ
इमरान की गिरफ्तारी के बाद उससे मप्र एटीएस के अधिकारी भी लंबी पूछताछ कर चुके हैं। अभी तक की पूछताछ में यह बात सामने आई है कि इमरान फेसबुक पर किसी युसूफ नाम के विदेशी युवक से लगातार चेटिंग करता था और उसके निर्देशों पर काम भी करता था। युसूफ को लेकर स्थानीय पुलिस कोई भी जानकारी नहीं दे रही।
हालांकि सूत्रों का कहना है कि युसूफ कथित तौर पर आईएसआईस का आतंकी था। इधर रतलाम एसपी डॉ. आशीष ने बताया कि इमरान ने पूछताछ में खुद का संगठन बनाने संबंधी बात भी कही है। वह वसीम, रिजवान और अनवर को साथ लेकर काम करता था और उन्हें रुपए भी देता था। यह पैसे उसके पास कहां से आए, पुलिस इस बात का भी खुलासा नहीं कर पाई है। इधर वसीम के पास से भी पुलिस कुछ संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए हैं। इस संबंध में भी अधिकारी ज्यादा कुछ नहीं बता रहे।
डिलीट डाटा रिकवर करने की कोशिश
आरोपी इमरान के लैपटॉप से पुलिस को महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। हालांकि पुलिस लैपटॉप से डिलीट डाटा को जुटाने की कोशिश कर रही है ताकि इमरान के चेट हिस्ट्री मिल सके और यह पता लग सके कि वह किस-किस से क्या-क्या बात करता था। सूत्रों के अनुसार इमरान कई बार खाड़ी देश भी जा चुका है। इस संबंध में पुलिस ने उससे लंबी पूछताछ की है।
इसलिए ले जा सकती है एनआईए
-इमरान व उसके साथियों के तार विदेशी आतंकी संगठन से जुड़ने की आशंका है।
-अभी तक की पूछताछ में कथित तौर पर आतंकी साजिश रचने की बात भी सामने आई है।
-एनआईए इनसे देश के अन्य हिस्सों में आईएसआईएस या अन्य किसी आतंकी संगठन के सक्रिय होने संबंधी पूछताछ कर सकती है।
-भाजपा और संघ के नेताओं पर कथित हमले की बात को लेकर भी जांच आगे बढ़ सकती है।
-विदेशों में इमरान व उसके साथियों की भूमिका की जांच भी एनआईएस कर सकती है।
तफ्तीश जारी
अभी तक की पूछताछ में आरोपियों के तार किसी संगठन से सीधे जुड़े होने की बात सामने नहीं आई है। हालांकि यह शंका बनी हुई है कि इनके तार किसी आंतकी संगठन से जुड़े हो सकते हैं। यह बात भी सामने आई है कि इमरान कोई संगठन खड़ा करना चाहता था, इसके लिए उसने कुछ युवकों को जोड़ा भी था। उसके लैपटॉप की जांच जारी है। जांच पूर्ण होने के बाद पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा। -डॉ. आशीष, एसपी, रतलाम