जिला अस्पताल, बाल चिकित्सालय, एमसीएच के सामने व सैलाना बस स्टैंड से अतिक्रमण हटाया गया। रविवार होने के बावजूद दोपहर 12 बजे से लेकर शाम तक अतिक्रमण हटाने की मुहिम चलती रही। सभी जगह घंटेभर से लेकर दो घंटे तक का समय खुद लोगों को अतिक्रमण हटाने के लिए दिया गया। एमसीएच के निर्माणाधीन भवन में जाने के रास्ते से अतिक्रमण हटाने और बाकी रोड जहां अतिक्रमण में लगी गुमटियों के कारण रोड जाम होता है वहां अतिक्रमण हटाने के कलेक्टर ने निर्देश दिए थे। सोमवार को बंजली रोड पर मेडिकल कॉलेज के सामने से अतिक्रमण हटाए जाएंगे।
जिला प्रशासन के निर्देश पर पटवारियों की टीम दोपहर 12 बजे नवनिर्मित मातृ-शिशु स्वास्थ्य इकाई के बाहर पहुंची। यहां बाल चिकित्सालय की बाउंड्रीवॉल के पास अतिक्रमण कर लगाई गुमटियां हटाने के लिए घंटेभर का समय दिया। इसके बाद टीम जेल रोड, न्यू रोड पहुंची और दो घंटे का समय दिया। इसके बाद तीनों स्थानों पर जेसीबी की मदद से अतिक्रमण हटाया गया। अधिकांश लोगों ने खुद ही अपना अतिक्रमण हटा लिया। कुछ दुकानें जो बंद थी उन्हें जेसीबी की मदद से तोड़कर निगम के वाहन में भर दिया। शाम को सैलाना बस स्टैंड पर दुकानों के आगे लगाए गए शेड हटाए गए।
गाड़ोलिया लोहार ने रोक रखा था एमसीएच का रास्ता- एमसीएच (मातृ-शिशु स्वास्थ्य इकाई) 25 नवंबर को जिला अस्पताल को हैंडओवर होना है। इसके बाद दिसंबर के पहले हफ्ते में इसकी शुरुआत होना है। यहां पहुंचने के रास्ते में कुछ गाड़ोलिया लोहार परिवारों ने झोपड़ियां बना रखी थीं। उन्होंने मवेशी तक पाल रखे थे। झोपड़ियां हटाने से अब एमसीएच जाने का रास्ता साफ हो गया है। बाल चिकित्सालय के पास से 22 गुमटियां, 12 गाड़ोलिया लोहार परिवार, जेल रोड पर जिला अस्पताल के बाहर से 40 गुमटियां और न्यू रोड से 12 दुकानें हटाई गईं। सैलाना बस स्टैंड के 10 दुकानों के बाहर लगा शेड हटाया गया।
दिल्ली आंदोलन में शामिल होने जा रहीं समाजसेवी मेधा पाटकर, पूर्व महापौर पारस सकलेचा और जिपं उपाध्यक्ष डीपी धाकड़ से जेल रोड के दुकानदार मिले। उन्होंने कहा बिना सूचना दिए प्रशासन ने गुमटियां हटा दी। अमीरों पर प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा लेकिन गरीबों की रोजी-रोटी छिनने में लगा है। इसके खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। पाटकर ने कॉल कर कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल से बात की। उन्होंने बताया सभी को पर्याप्त समय देने के बाद ही अतिक्रमण हटाया गया है।