आरटीई (शिक्षा का अधिकार) की जानकारी के लिए जिला शिक्षा केंद्र ने गुरुवार को निजी स्कूल संचालकों की बैठक बुलाई। माणकचौक स्थित शासकीय बहुउदे्दशीय हायर सेकंडरी स्कूल क्रमांक एक में हुई बैठक में सभी निजी स्कूल संचालक काली पट्टी बांधकर शामिल हुए। संचालकों ने सवाल भी पूछे लेकिन डीपीसी कोई जवाब नहीं दे पाए।

आरटीई के लिए सरकार ने नए नियम लागू किए हैं। इसमें वर्ष 2016-17 की राशि का भुगतान होना है। इसमें आधार, समग्र आईडी जरूरी कर दिया है। इससे कई बच्चों के अकाउंट नहीं मिल पा रहे हैं और स्कूल संचालक परेशान हो रहे हैं। इस परेशानी को दूर करने और आरटीई के नए नियम को समझाने के लिए जिला शिक्षा केंद्र ने निजी स्कूल संचालकों की बैठक बुलाई। इसमें डीपीसी आर. के,. त्रिपाठी ने आरटीई के नए नियमों की जानकारी दी। निजी स्कूल संचालक अरुण मूणत ने पूछा आरटीई में 2015-16 में बच्चे की आईडी दर्ज थी लेकिन यह पोर्टल से डिलीट हो गई है। इससे सुधार नहीं हो पा रहा है। अब क्या करें। इस पर डीपीसी बोले इसका कोई निदान नहीं है। इसके बाद भी आयुक्त को अवगत कराया है ताकि आपकी समस्या दूर हो सकें। स्कूल संचालकों ने आरटीई के नियम को लेकर कई सवाल पूछे लेकिन कई के जवाब नहीं दे पाए।

प्रदेश सरकार नए नियम हटाए- अशासकीय शिक्षण संस्था संघ के सचिव आनंद जैन ने बताया आरटीई के नए नियम से परेशानी आ रही है। इससे आधार और समग्र आईडी की मिसमैच की समस्या बढ़ गई है। ऐसे तो किसी भी स्कूल संचालकों को आरटीई की राशि का भुगतान नहीं मिल पाएगा। प्रदेश सरकार नए नियम हटाए।

मप्र प्रांतीय शिक्षण संस्था संघ के दीपेश ओझा एवं विशाल चावड़ा ने बताया आरटीई के नए नियम से हम सभी परेशान हैं। विरोध के लिए काली पट्टी बांधकर बैठक में शामिल हुए हैं। हमारा यह विरोध आगे भी जारी रहेगा। जब तक नए नियम में बदलाव नहीं होता है तब तक विरोध करेंगे। इस मौके पर दिनेश राठौर, गोपाल टांक, दिनेश मेहता, ओमप्रकाश पुरोहित, रेखा दवे, रेखा त्रिवेदी, अनुज पंचाल, अभिषेक नाहर आदि ने विरोध जताया और बताया जब तक आरटीई के नए नियम नहीं हटाए जाते हैं तब तक विरोध किया जाएगा।