प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ में अघोषित आय घोषित करने का आह्वान किया था। अब आयकर विभाग ने इसे लेकर मुहिम शुरू कर दी। मंगलवार को प्रधान आयकर आयुक्त बीएस गेहलोत ने रतलाम में लोगों को बेनामी संपत्ति उजागर करने की अपील की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा किसी कारणवश पिछले वर्षों में कोई इनकम या संपत्ति की जानकारी आईटीआर में देने से चूक गया है तो अभी अच्छा मौका है। विभाग ने इनकम डिक्लेरेशन स्कीम 2016 लागू की है। जो बेनामी संपत्ति बताएंगे, विभाग उसे मान लेगा और उसी के मुताबिक टैक्स वसूलेगा। यह मौका 30 सितंबर तक है। इसके बाद विभाग सर्वे की कार्रवाई करेगा।
वर्तमान मार्केट वैल्यू के अनुसार मानी जाएगी संपत्ति की कीमत
प्रधान आयकर आयुक्त बीएस गेहलोत ने बताया सरकार चाहती है कि ऐसे लोग जिनके पास बेनामी संपत्ति है वे आगे आकर टैक्स जमा कराएं। योजना ब्लैकमनी की मुहिम का हिस्सा है। विदेशों से तो सरकार काला धन लाने का प्रयास कर रही है। वहीं ये स्कीम देश के लिए है। स्कीम में कोई भी व्यक्ति अपनी बेनामी संपत्ति जानकारी दे सकता है। संपत्ति कभी भी खरीदी हो उसकी कीमत मार्केट वैल्यू के आधार पर तय की जाएगी। विभाग ने बेनामी संपत्ति बताने का मौका दिया है। लोग इस योजना का लाभ उठाएं।
1996 में भी शुरू की थी स्कीम
इसके पहले भी सीबीडीटी ने वर्ष 1996 में इसी तरह की स्कीम शुरू की थी। इसे वीडीआईएस (वालेंटरी डिसक्लोजर इनकम स्कीम) नाम दिया गया था। अब फिर सरकार ने मुहिम शुरू की है। आयकर विभाग को उम्मीद है कि लोग इस स्कीम का आगे आकर लाभ उठाएंगे और अपनी बेनामी संपत्ति को उजागर करेंगे।
45 फीसदी की दर से टैक्स वसूलेगा विभाग
ये लोग नहीं उठा सकते हैं योजना का फायदा
जिनको इनकम टैक्स विभाग के नोटिस मिल चुके हैं।
विभाग में धारा 143 (3), 148 153 ए आदि के प्रकरण चल रहे हैं। उन पर भी यह योजना लागू नहीं होगी।
किसी के पास फॉरेन मनी हो।
नारकोटिक्स ड्रग्स एक्ट 1985 में प्रकरण दर्ज हो।
प्रिवेंशन आफ करप्शन एक्ट 1988 में प्रकरण दर्ज हो।
स्पेशल कोड एक्ट 1992 के तहत प्रकरण दर्ज हो।
यह करना होगा
आपको 4 पेज का फॉर्म भरना होगा। इसमें अघोषित आय बतानी होगी। आप जो अघोषित आय बताएंगे। उस पर विभाग 45 फीसदी की दर से टैक्स वसूलेगा। 30 सितंबर तक फॉर्म भरना होगा। 30 नवंबर तक टैक्स जमा करा सकते हैं।
चर्चा करते प्रधान आयकर आयुक्त गेहलोत व संयुक्त आयकर आयुक्त इला परमार।
एक नजर
40हजार हर साल रिटर्न दाखिल होते
25हजार टैक्सपेयर
10लाख रुपए से ज्यादा आय वाले 450