राष्ट्रसंत श्रीमद् विजय जयंतसेन सूरीश्वरजी के रतलाम चातुर्मास को ऐतिहासिक बनाने के लिए तैयारी जोरशोर से चल रही हैं। नवोदित तीर्थ जयंतसेन धाम सागोद रोड पर होने वाले चातुर्मास में देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए धर्मशाला के अतिरिक्त सुविधापूर्ण आवास की व्यवस्था भी की जा रही है। साथ ही आसपास के धार्मिक स्थलों की धर्मशालाओं का भी उपयोग होगा। 10 जुलाई से राष्ट्र संतश्री का चातुर्मास प्रारंभ होते ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु रतलाम आएंगे। चातुर्मास स्थल जयंतसेन धाम पर 14 कमरों की धर्मशाला का निर्माण किया जा चुका है। श्रद्धालुओं को ठहराने के लिए सैकड़ों पलंग की क्षमता वाले अस्थायी कक्ष तैयार हुए हैं। इनमें सुविधाघर के साथ आवश्यक सुविधाएं हैं। बारिश के लिहाज से इन्हें ड्रेनेज सिस्टम के साथ वाटरप्रूफ बनाया है।
शहर के धार्मिक स्थलों की धर्मशाला का भी लाभ लिया जाएगा-
वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर शहर में इंतजाम किए गए हैं, इससे बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को असुविधा न हो। चातुर्मास स्थल के करीब स्थित श्री बिबडौद जैन तीर्थ व श्री वरोठ माता मंदिर परिसर में स्थित धर्मशालाओं का भी लाभ लिया जाएगा। आचार्यश्री के दर्शन व प्रवचन की भी व्यापक व्यवस्थाएं की हैं। चातुर्मास के लिए राष्ट्रसंत के मंगल प्रवेश का जुलूस 10 जुलाई को सुबह निकलेगा। रतलाम में आचार्य के अनुयायियों का आगमन इससे पहले शुरू हो जाएगा। अनुयायियों को आवास के लिए कोई समस्या नहीं हो, इसके लिए समिति का गठन कर दायित्व दिए गए हैं।
राष्ट्रसंत श्रीमद् विजय जयंतसेन सूरीश्वरजी के रतलाम में होने वाले चातुर्मास को लेकर व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं