जन आंदोलन का स्वरूप सामूहिक जनहित में संघर्ष करना है : चौहान

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आंदोलन से तात्पर्य संघर्ष है। सहकारी आंदोलन सहज नहीं है यह जन आंदोलन का स्वरूप सामूहिक जनहित में संघर्ष है। सहकारी संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारियों के सम्मुख सहकारिता एक चुनौती है, जिसे जनप्रतिनिधियों के सहयोग से संस्थाओं की सुदृढ़ता के लिए सद्प्रयास किए जाने की नितांत आवश्यकता है।

यह बात जिला भाजपा अध्यक्ष, बैंक प्रतिनिधि व सहकारी क्षेत्र से सेवानिवृत्त बैंककर्मी कानसिंह चौहान ने कोऑपरेटिव एम्प्लाइज कोआपरेटिव सोसाइटी की 59वीं वार्षिक साधारण सभा एवं सम्मान समारोह में कही। सहकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय जनसेवा देने के लिए चौहान, पूर्व सहकारिता मंत्री हिम्मत कोठारी एवं जिला सहकारी संघ अध्यक्ष शरद जोशी का शॉल, श्रीफल एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मान किया।

कोठारी व जोशी ने ब्यूरोक्रेसी के कारण संस्थाओं की दुर्गति होने व जनप्रतिनिधियों की बदनामी की ओर ध्यान देने के साथ आयकर के कारण प्रभावित सहकारिता को आर्थिक राहत प्रदान करने की शासन से मांग की। संस्था अध्यक्ष प्रवीण झालानी की अध्यक्षता में अतिथियों द्वारा सेवानिवृत्त सदस्य जयप्रकाश सोनी और शेर मोहम्मद मकरानी का सम्मान कर बर्तन सेट व सदस्यों की ओर से एकत्र राशि के चेक दिए। साधारण सभा में वार्षिक बजट, वित्तीय पत्रक की स्वीकृति, विगत वर्ष हुए संस्था के लाभ में से 13 प्रतिशत लाभांश आडिट नोटिस स्वीकृति के साथ पूर्व सदस्यों को पुन: सदस्य बनाने का निर्णय लिया गया। संचालन निरंजन कसारा ने किया। आभार बैंक-प्रतिनिधि सूर्यनारायण उपाध्याय ने माना।