पार्किंग की जगह पर अन्य तरह के निर्माण के मामले में विवाद में आए न्यू रोड के व्यावसायिक भवनों के मामले में एक और पेंच प्रशासनिक अधिकारियों की पकड़ में आया है। तीनों व्यावसायिक भवनों के लिए नगर निगम से अलग-अलग वर्षों में विधिवत अनुमति तो जारी हुई लेकिन मौके पर निर्माण नक्शे के अनुरूप हुआ भी या नहीं, इसकी मॉनिटरिंग से निगम अधिकारी नजर अंदाज कर गए। इनमें से एक मार्केट तो 18 साल पुराना है, अब जाकर पता चला है कि उसका निर्माण स्वीकृत नक्शे के अनुरूप हुआ ही नहीं है।

नगर निगम ने अब इन तीनों ही व्यावसायिक भवनों के मालिकों को नए सिरे से स्वीकृत नक्शे के अनुरूप निर्माण नहीं करने पर नोटिस जारी करने की प्लानिंग की है। इनमें से एक भवन का प्रकरण कोर्ट में विचाराधीन है। नगर निगम से जब भी किसी बिल्डिंग की परमिशन जारी होती है तो परमिशन जारी करने वाले सिटी इंजीनियर, एरिया के असिस्टेंट इंजीनियर, सब इंजीनियर और ओवरसियर की यह जिम्मेदारी होती है कि वह समय-समय पर निर्माण की जांच करे और स्वीकृत नक्शे की शर्तों के अनुरूप ही निर्माण कराए। तीनों बिल्डिंग्स के मामले में ऐसा कुछ नहीं हुआ। नक्शे रिकॉर्ड में ही धरे रह गए और मनमाना निर्माण पूरा भी हो गया।

जिम्मेदारी बिल्डिंग मालिकों की भी

निश्चित रूप से हमारे लोगों से भी कुछ गलतियां हुई है। हम इसे स्वीकार करते है लेकिन जो लोग निर्माण कर रहे है। वह शर्तों के अनुरूप है या नहीं यह देखना अनुमति लेने वालों का भी काम है। स्टाफ कम है। हर जगह निगरानी नहीं रख सकते है। जिन्होंने गलत निर्माण किया उनकी भी जिम्मेदारी है। नियमानुसार गलत निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। -एस.के. सिंह नगर निगम आयुक्त

तीन तरफ एमओएस, पार्किंग में गोदाम, इंजीनियर ने माैके पर झांका तक नहीं

सर्वानंद बाजार, सिटी इंजीनियर रहे सलीम खान ने 2 अप्रैल 2013 को नक्शा स्वीकृत किया। 2 साल निर्माण चला, मार्केट चालू भी हो गया। इस बीच कोई इंजीनियर मौके पर जाकर झांका तक नहीं। निर्माणकर्ता को साइड में 5,10 और 15 फीट लंबाई की जगह छोड़ना थी। पीछे की तरफ 3.5 मीटर और सामने 9 मीटर एमओएस की जगह छोड़ना थी, मौके पर ऐसा कुछ नहीं है। पार्किंग के अधिकांश हिस्से में दीवार खींचकर गोदाम बना दिया। शिकायत के बाद अधिकारियों ने निर्माणकर्ता को नोटिस जारी किया। कार्रवाई फिलहाल कोर्ट में विचाराधीन है।

हमारा प्रकरण कोर्ट में विचाराधीन है

एमओएस का प्रकरण हमारा कोर्ट में विचाराधीन है, पार्किंग इंट्रेंस 10 के बजाए 7 फीट का है इसे दुरुस्त कराने के लिए अंडरटेकिंग भी दे चुके हैं। भगवानदास त्रिलोक चंदानी, संचालक सर्वानंद बाजार

कलेक्टर ने सख्ती दिखाई, अधिकारियों को 18 साल बाद याद आया नक्शा

न्यू रोड पर बना रतलाम प्लाजा, नगर निगम के सिटी इंजीनियर रहे राम मनोहर पांडे ने 18 अगस्त 1998 में इस बिल्डिंग के निर्माण के लिए नक्शा स्वीकृत किया था। निर्माण पूरा हुआ, मार्केट चालू भी हो गया। कलेक्टर ने पार्किंग मामले में सख्ती दिखाई तो निगम अधिकारियों को इस बिल्डिंग की परमिशन की याद आई। रिकॉर्ड टटोला तो पता चला कि मौके पर पार्किंग तो बनी है लेकिन ग्राउंड, फ़र्स्ट और सेकंड फ्लोर पर चारों तरफ 6-6 फीट चौड़ाई और 100 फीट लंबाई का एरिया अतिरिक्त कवर कर लिया गया है।

कुछ जगह शटर लगाए थे, हटवा देंगे

हम कंपाउंडिंग के 67 हजार जमा करा चुके हैं। हमें भी अतिक्रमण करना शोभा नहीं देता। केवल सुरक्षा के लिहाज से कुछ जगहों पर शटर लगाए थे, उन्हें भी कल तक हटवा देंगे। एडवोकेट प्रदीप सक्सेना, रतलाम प्लाजा के लीगल एडवाइजर

आवासीय की अनुमति, एक हिस्से को दर्शाया व्यावसायिक, पार्किंग नहीं

न्यू रोड की बालाजी होटल वाली बिल्डिंग। प्रभारी सिटी इंजीनियर जी.के. जायसवाल ने 25 मार्च 2013 को इस बिल्डिंग के निर्माण के लिए अनुमति जारी की थी। जी प्लस 2 बिल्डिंग में केवल एक दुकान के हिस्से को व्यावसायिक दर्शाया गया शेष हिस्सा आवासीय स्वीकृत है। नक्शे में कहीं भी पार्किंग का उल्लेख नहीं है। 4.27 मीटर बाय 43.90 मीटर प्लॉट पर फिलहाल ग्राउंड फ्लोर पर रेस्टोरेंट, फ़र्स्ट फ्लोर पर होटल और सेकंड फ्लोर पर लॉजिंग है। 7 मीटर आगे की ओर व 6 मीटर पीछे की ओर एमओएस नहीं छोड़ा गया है।

व्यावसायिक के मान से देते हैं टैक्स

हम तो व्यावसायिक के मान से ही निगम को टैक्स देते हैं। परमिशन कौन सी है, इसकी मुझे फिलहाल जानकारी नहीं है। जितेंद्र राठौर, संचालक बालाजी होटल

By parshv