रतलाम। जिला अस्पताल में डॉक्टरों की संख्या बढ़ने के बजाय कम होती जा रही है। बुधवार को एक और डॉक्टर ने सिविल सर्जन को इस्तीफा दे दिया। इससे मरीजों की परेशानी बढ़ना तय है। जनवरी से मार्च माह तक पांच डॉक्टर इस्तीफा दे चुके हैं। इस्तीफे के पीछे काम का दबाव डॉक्टरों की आपसी खींचतान भी सामने आ रही है।
जिला अस्पताल में पीजीएमओ के रूप में कार्यरत डॉ. मनीष गुप्ता ने बुधवार को सिविल सर्जन डॉ. आनंद चंदेलकर को सौंपे त्याग पत्र में उल्लेख किया कि उन्होंने 5 अक्टूबर 2013 को मप्र लोकसेवा आयोग से चयन होने के पश्चात जिला अस्पताल में पीजीएमओ के पद सेवाएं देना शुरू की थी।
डॉ. गुप्ताा ने जिला अस्पताल में योग्यता के अनुसार कार्य न मिलने और पारिवारिक परिस्थितियों के चलते त्याग पत्र देने की बात कही है। डॉ. गुप्ता के इस्तीफे के बाद डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे जिला अस्पताल में मरीजों की परेशानियां और बढ़ जाएगी।
सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की स्थिति
प्रथम श्रेणी डॉक्टर
स्वीकृत पदकार्यरत
3920
द्वितीय श्रेणी डॉक्टर
स्वीकृत पदकार्यरत
2922
ये सौंप चुके हैं इस्तीफे
डॉक्टर त्यागपत्र दिया
डॉ. मनीष गुप्ता 11 मार्च 2015
डॉ. दिनेश भूरिया 21 फरवरी 2015
डॉ. अमित कुशवाह 13 फरवरी 2015
डॉ. कपिल कपूर 11 दिसंबर 2014
डॉ. सोनाली वास्के 7 दिसंबर 2014
ये हैं प्रमुख कारण
– जूनियर डॉक्टरों पर काम की अधिकता।
– आतंरिक राजनीति से परेशान।
– परिवार को समय नहीं दे पाना।
– कार्य के बावजूद अनावश्यक दबाव।
– योग्यता के अनुरूप कार्य नहीं मिलना।
इस्तीफा दे दिया
योग्यता के अनुरूप कार्य नहीं मिलने सहित अन्य प्रमुख कारणों के चलते मेरे द्वारा सिविल सर्जन को इस्तीफा दिया जा चुका है। – डॉ. मनीष गुप्ता
त्याग पत्र मिला है
डॉ. गुप्ता द्वारा मुझे त्याग-पत्र दिया है। उनका त्याग-पत्र वरिष्ठ अधिकारियों सहित मुख्यालय पर भेजा जाएगा, उसके बाद ही निर्णय लिया जाएगा। – डॉ. आनंद चंदेलकर, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल रतलाम