मौसम बदलने के साथ ही बैक्टीरिया और वायरस जनित बीमारियां बढ़ रही हैं। इससे जिला अस्पताल में वायरल बुखार के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। मलेरिया और पेट दर्द के मरीज भी सामने आ रहे हैं। तबीयत ज्यादा खराब होने पर मरीज और उनके परिजन जिला अस्पताल में भर्ती होने के बारे में पूछते हैं तो डॉक्टर तत्काल हाथ जोड़कर उन्हें घर लौटने का निवेदन करने लगते हैं। यही स्थिति दुर्घटना में घायल मरीजों के साथ हो रही है। घायल मरीज के परिजन कहते हैं कि मरीज को भर्ती कर दें तो डॉक्टर का यही जवाब होता है, ज्यादा बड़ा मामला नहीं है घर ले जाइए।

यह स्थिति जिला अस्पताल में बेड कम होने से बन रही है।

500 बेड के अस्पताल में न्यू मेटरनिटी वार्ड जिसमें एक समय 80 मरीज तक भर्ती रहते थे पिछले महीने ध्वस्त हो गया। 15 दिन पहले सर्जिकल वार्ड में 60 से ज्यादा मरीज भर्ती रहते थे। जर्जर होने से खाली कर दिया। इससे 140 बेड की कमी हो गई। कुछ मरीजों को आई वार्ड, रोटरी के निजी वार्ड सहित अन्य वार्डों में शिफ्ट किया है लेकिन अभी सभी वार्डों में मरीजों को बेड नहीं मिल रहे हैं। मरीजों को जमीन पर लेटाकर इलाज देना पड़ रहा है। डॉक्टर मरीज को तब तक भर्ती नहीं कर रहे जब तक उसे भर्ती करना बहुत जरूरी न हो।

बेड कम होने से स्थिति से व्यवस्था जमाना पड़ रही है

जिला अस्पताल में एक भवन ध्वस्त होने और एक जर्जर होने से पलंग की कमी हो गई है। इसके चलते व्यवस्था जमाना पड़ रही है। जो गंभीर नहीं हैं उन्हें भर्ती नहीं कर रहे। कुछ लोग जबरदस्ती भर्ती होने की जिद करते हैं तो उनसे माफी मांगी जा रही है।

                                                                                                          डॉ. आनंद चंदेलकर, सिविल सर्जन,जिलाअस्पताल,रतलाम

तीन िदन से क्लोरोक्वीन टेबलेट खत्म, मरीज हो रहे परेशान

जिला अस्पताल में तीन दिन से क्लोरोक्वीन टेबलेट नहीं मिल रही है। यह दवाई मलेरिया की स्लाइड बनाने के दौरान मलेरिया के लक्षण दिखने पर दी जाती है। जिला अस्पताल में यह दवाई नहीं मिलने से मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है। जिला मलेरिया अधिकारी दौलत पटेल का कहना है कि जिला अस्पताल में दवाई खत्म हो गई है तो भिजवा दी जाएगी।

By parshv