इमालवा – रतलाम | जिले के वनवासी अंचल में डीजे पर प्रतिबन्ध लगाए जाने की मांग उठने लगी है | अंचल के लोगो का मानना है की डीजे की मस्ती और उस पर डांस करने के चक्कर में युवको में नशाखोरी की प्रवृति बढ़ने लग गई है | नशे और डीजे की मस्ती के बाद अपनी पसंद के गीत बजवाने की बात पर आपस में विवाद की घटनाओ की बढती संख्या भी अंचल में चिंता का कारण बन गई है | इस मामले में सामाजिक स्तर पर प्रयास करने के साथ ही अंचल के समझदार लोग पुलिस एवं प्रशासन से भी मदद की अपेक्षा कर रहे है |
जिले के रावटी बाजना क्षेत्र के वनवासी नेता मोतीलाल निनामा और हेमचंद डामर का कहना है की अंचल में डीजे की वजह से कई बार विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है। इसके अलावा कई बार गलियों में से गुजरते ट्रैक्टर इत्यादि पर तेज साउंड की वजह से भी ग्रामीणों को परेशानी होती है। डीजे की वजह से माहौल खराब हो रहा है। एक तरफ शराब खोरी बढ़ रही है तो दूसरी तरफ नशे से उपजे उन्मांद के कारण कई बार विकट स्थिति बनने लग जाती है |
अंचल के गांवों में इन दिनों तीज त्योहारों के साथ ही विवाह समारोह में डीजे बजाना नई परम्परा बन गया है | दोनों नेताओं का कहना है की शहरी क्षेत्र में तो इस मामले में तमाम तरह के नियमो के कारण नियंत्रण रहता है लेकिन अंचल में डीजे बजाने के लिए न तो समय की कोई सीमा है न अन्य कोई प्रतिबन्ध | श्री निनामा अंचल में वर्षो से शराब बंदी का अभियान चला रहे है वे इस स्थिति पर चिंता जताते हुए कहते है की वे इस मामले में सामाजिक स्तर पर भी एक अभियान शुरू कर रहे है | लेकिन इसके साथ थोड़ी प्रशासनिक सख्ती भी शुरू हो जाए तो हालात बदल सकते है |