प्रभारी कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री सोमेश मिश्रा एमसीएच अस्पताल पहुँचे, यहाँ पहुँचकर उन्होंने जिले के चिकित्सकों एवं अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में अस्पताल में शीघ्र सेवा प्रदायगी प्रारंभ करने के निर्देश दिए। उन्होंने भवन के मुख्य दरवाजे पर काउ केचर लगवाने के निर्देश दिए ताकि पशुओं की आवाजाही को रोका जा सके। उन्होंने नए अस्पताल में पलंग चादरे और फर्नीचर की आवश्यकतानुसार उपलब्धता की विस्तार से पड़ताल की डॉ. दीप व्यास एवं आरएमओ डॉ. नरेश चौहान ने बताया कि अस्पताल में प्रसव सुविधा प्रारंभ कराने के लिए मुख्य रूप से एसएनसीयू की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाना है। इसके लिए केन्द्रीक्रत आक्सीजन सप्लाई व्यवस्था एवं केन्द्रीकृत सक्शन व्यवस्था की कार्यवाही की जा रही है। ये दोनों व्यवस्था उपलब्ध होने के साथ ही अस्पताल में सेवा प्रदायगी प्रारंभ हो जाएगी। प्रभारी कलेक्टर ने एमसीएच अस्पताल के लिए नोडल अधिकारी नामांकित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अस्पताल के परिसर में रोड़ डिवाईडर के मध्य पौधारोपण की व्यवस्था की जाए, अस्पताल भवन हैंडओवर होने से पहले वाटर लीकेज की स्थिति चेक की जाए एवं उसके बाद ही हैंडओवर किया जाए। जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमानुसार लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए स्थान चिन्हित कर कार्य कराये जाना है। इसके लिए प्रभारी कलेक्टर ने उचित स्थान पर नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिए। भ्रमण के समय रतलाम जिले के स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी अधिकारी डॉ. अतुल खराटे, डॉ. वर्षा कुरील, डॉ. निर्मल जैन तथा अन्य उपस्थित रहे।
15 दिन से अधिक की खाँसी के साथ बुखार, टीबी हो सकती है – डॉ. अतुल खराटे
रतलाम जिले के स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी अधिकारी डॉ. अतुल खराटे राज्य क्षय अधिकारी रतलाम पहुँचे, यहाँ पहुँचकर उन्होंने एमसीएच अस्पताल की व्यवस्थाओं को देखा तथा जिला चिकित्सालय पहुँचकर विभागीय कार्यों की स्थिति जानी, उन्होंने निर्देशित किया कि जिला चिकित्सालय में आने वाले ओपीडी मरीजों में से कम से कम 4 प्रतिशत मरीजों की स्फुटम की जाँच कर स्लाईड बनाई जाए तथा उनका नि:शुल्क और पुरा उपचार किया जाए। उन्होंने बताया कि रतलाम जिले में सीबी नेट जैसी जाँच सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध होना उपलब्धी है। टीबी की आशंका वाले सभी मरीजों को जिला चिकित्सालय में जाँच कराना चाहिए। प्रति लाख जनसंख्या पर टीबी मरीजों की दर जो 211 प्रति लाख प्रतिवर्ष है, इसे कम करके 44 पर लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
डॉ. अतुल खराटे ने जिला चिकित्सालय के वार्डों में पहुँचकर मरीजों के हाल-चाल जाने तथा उन्हें होने वाले स्वास्थ्य लाभ की बारीकी से पड़ताल की। उन्होने कहा कि सभी मरीजों को नि:शुल्क भोजन एवं नि:शुल्क उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने प्रशिक्षण केन्द्र में जिले के विभागीय नोडल अधिकारियों के कार्यक्रमों की समीक्षा की। अन्धत्व निवारण कार्यक्रम, परिवार कल्याण कार्यक्रम, बेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, कुष्ठ उन्मुलन कार्यक्रम आदि के संबंध में सभी लक्ष्य पूर्ति के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने रतलाम जिले के रतलाम ग्रामीण तथा पिपलोदा क्षेत्र में चल रहे संयुक्त जाँच खोज अभियान की समीक्षा कर प्रतिदिन कम से कम तीस घरों का भ्रमण करने के निर्देश कर्मचारियों को दिए। बैठक में डॉ. वर्षा कुरील, डॉ. निर्मल जैन, डॉ. दीप व्यास, श्री दौलत पटेल, डॉ. प्रतिभा शर्मा, डॉ. आरसी वर्मा, डॉ. पी. फुलम्बीकर, डॉ. कमल किशोर प्रजापति, डॉ. जितेन्द्र जायसवाल, श्री प्रमोद प्रजापति एवं अन्य अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।