ग्रामीण क्षेत्रों में नीलगाय खेतों में खड़ी फसल को रोंद रही है। इस कारण किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। फसलों को बचाने के लिए किसान अपने खेत पर रात में पहरा दे रहे हैं। इधर कुछ किसानों ने खेतों के चारों तरफ तार फैंसिंग करवा दी। किसानों ने प्रशासन से समस्या से निजात दिलाने की मांग की।

गांव नेगरुन के किसान रामसिंह देवड़ा, अनोपसिंह देवड़ा, श्रवणसिंह देवड़ा ने बताया नीलगाय का समूह खेतों की फसल को खराब कर रहा है। वर्तमान में सोयाबीन, उड़द और मक्का सहित अन्य फसल किसानों ने उगा रखी है। इन नीलगाय का समूह रात के समय खेतों में दौड़ लगा रही है। इससे फसलें चौपट हो रही हैं। इस कारण रात के समय फसलों की चौकीदारी करना पड़ रही है। समस्या के निराकरण के लिए कई बार आवेदन दिया लेकिन कोई निराकरण नहीं हुआ। गांव निपानिया, खामरिया, पाटन, नापाखेड़ा, लसुड़िया, सेमलिया, नेगरुन, शेरपुर, रीछा, कंथारिया, करवाखेड़ी के ग्रामीणों ने नीलगायों से छुटकारा दिलाने की मांग की है। किसान नेता विक्रमसिंह आंजना, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष योगेंद्रसिंह जादौन, सरपंच नारायणसिंह परिहार, सरपंच सुरेश पोरवाल, शंकरलाल सागित्रा ने किसानों को नीलगाय से छुटकारा दिलाने के लिए रामसिंग दरबार मगरा पर नीलगाय संरक्षण केंद्र खोलने की बात कही है। जनपद अध्यक्ष कालूसिंह परिहार ने बताया जल्द ही समस्या के निराकरण के लिए शासन को पत्र लिखेंगे।

विधायक गेहलोत ने कलेक्टर को बताई समस्या
विधायक जितेंद्र गेहलोत ने रतलाम में आयोजित बैठक में भी ग्रामीण क्षेत्रों में नीलगाय और घोड़ारोज के कारण होने वाली दुर्घटनाओं और खेती में नुकसान का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा यदि प्रशासन चाहे तो नीलगाय के अभयारण्य स्थान चिह्नित कर व्यवस्था कर सकता है। मामले में जिला वनमंडल अधिकारी क्षितिज कुमार ने समस्या के निराकरण के लिए प्रयास करने की बात कही।