परीक्षा के कारण होस्टल में रुकी हैं छात्राएं डिप्टी कलेक्टर ने सबका भोजन बंद करवाया

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आनंद कॉलोनी स्थित कन्या पोस्ट मैट्रिक अजा-जजा छात्रावास की 45 छात्राओं को शुक्रवार को बिना चाय-नाश्ता किए ही परीक्षा देने जाना पड़ा। लौटने पर दोपहर का भोजन भी नहीं मिला। भूखे पेट छात्राएं कलेक्टर से मिलने पहुंचीं तो डिप्टी कलेक्टर व आदिवासी विकास विभाग के प्रभारी सहायक आयुक्त छात्रावास पहुंच गए। उनका कहना था- यहां खाना 30 अप्रैल को ही बंद करना था, हमने तो ज्यादा दे दिया।

छात्रावास में अजा वर्ग की 37 व जजा की 62 छात्राएं हैं। परीक्षा होने से 45 छात्राएं अभी यहीं रुकी हैं जबकि बाकी घर जा चुकी हैं। छात्राओं ने बताया किचन में आटा, चावल, तेल, मसाला सब है फिर भी गुरुवार रात 8 बजे अधीक्षिका ने कह दिया- शुक्रवार सुबह से खाने-पीने को कुछ नहीं मिलेगा। कारण पूछा तो डांट दिया। इसलिए सुबह परीक्षा के बाद कलेक्टर से मिलने पहुंची। इसके बाद डिप्टी कलेक्टर व आदिवासी विकास विभाग के प्रभारी सहायक आयुक्त रणजीतसिंह होस्टल आए। उन्हें बताया परीक्षा चल रही है, इसलिए हम यहां रुकी हैं। डिप्टी कलेक्टर सिंह ने कहा एक दिन पहले ही वीसी में कमिश्नर ने 30 अप्रैल तक ही भोजन देने के निर्देश दिए थे। वैसे भी 30 अप्रैल तक का ही नियम है। सिंह अधीक्षका से कहा- इन्हें आज और खाना दे दो, कल से ये खुद अपनी व्यवस्था करेंगी। इससे दोपहर का खाना रात 8 बजे मिला। छात्राओं का कहना है 10 दिन पहले कहते तो कुछ व्यवस्था करते अब एक दिन में स्टोव, गैस अथवा खाना बनाने के सामान कहां से लाएं।

छात्राओं ने बताया अधीक्षिका वंदना वर्मा का कहना है सरकार 10 माह ही खाना देती है। मैं घर से नहीं खिला सकती। पहले ही रुपए मिलते हैं, बड़ी मुश्किल से मैनेज करते हैं।

तो आंदोलन करेंगे
आदिवासी युवा शक्ति जिला महामंत्री प्रदीप ओहरी ने बताया छात्राओं को शासन ने खाना उपलब्ध नहीं कराया तो आंदोलन किया जाएगा। इस बारे में मुख्यमंत्री को शिकायत की जाएगी।

नियम मैंने नहीं बनाया
30 अप्रैल तक भोजन देने के नियम मैंने नहीं, सरकार ने बनाए हैं। मैंने तो उससे ज्यादा दिया। अधिकारी ने भी यही कहा। वंदना वर्मा, अधीक्षिक- कन्या पोस्ट मैट्रिक अजा-अजजा छात्रावास

30 तक ही खाना देना था
गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कमिश्नर ने बताया था होस्टल में 30 अप्रैल तक ही भोजन देना है। छात्राओं को आगे की व्यवस्था खुद करने का कहा है। शासन को भोजन व्यवस्था बढ़ाने के लिए पत्र लिखा है। रणजीत सिंह, डिप्टी कलेक्टर व प्रभारी सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास विभाग