पानी बचाने के लिए जनचेतना आवश्यक

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राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय कार्यशाला आज रतलाम में संपन्न हुई। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में वक्ताओं ने पानी बचाने के लिए जनचेतना पर जोर दिया। कार्यक्रम में समग्र चेतना महिला संस्थान उज्जैन का सहयोग रहा। कार्यशाला में जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री डीपी धाकड़, नगर परिषद धामनोद के उपाध्यक्ष श्री रेवा शंकर राव, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री के.पी. वर्मा, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री अनूप मिश्रा आदि उपस्थित थे।

जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री डीपी धाकड़ ने कहा कि हमारे देश में प्रकृति ने सब कुछ दिया है। प्राकृतिक संसाधनों की कोई कमी नहीं है। आवश्यकता इनको सहेज कर रखने की है पानी को बचाने के लिए सुनियोजित ढंग से प्रबंध करना आवश्यक है। योजना के साथ-साथ इच्छा शक्ति बहुत जरूरी है। प्रत्येक ग्रामीण और शहरी के मन मस्तिष्क में जल को सहेजने की चेतना सदैव रहना चाहिए।

ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री अनूप मिश्रा ने कहा कि पानी का महत्व सभी जानते हैं परंतु इसको बचाने के लिए वैज्ञानिक ढंग से उपाय किए जाना बहुत जरूरी है। पृथ्वी पर मात्र 1 प्रतिशत पानी ही पीने योग्य है। रतलाम जिले में चार विकासखंडों में अति दोहन की स्थिति है। बचे दो विकासखंड भी गंभीर स्थिति में आ गए हैं। पानी को बचाने के लिए जनचेतना बहुत जरूरी है। इसको एक आंदोलन के रूप में सदैव क्रियान्वित करना होगा। कार्यशाला में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री के.पी. वर्मा ने कार्यशाला के उद्देश्य से अवगत कराया।

पीएचई के जिला सलाहकार आनंद व्यास ने बताया कि कार्यशाला के माध्यम से ग्राम पंचायतों से आए प्रतिनिधियों को ग्राम में स्थित जल स्त्रोतों की मेपिंग के बारे में समझाया। साथ ही ऐसे स्त्रोतों को चिन्हांकित करने के लिए कहा जिसमें वर्ष भर जल रहता हो ताकि पेयजल संकट के समय में उपयोगी सिद्ध हो सके। जिला सलाहकार किरण चौहान व जिला रसायानज्ञ निहारिका व्यास ने पावर प्वाईंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से राष्ट्रीय ग्रामीण कार्यक्रम के उद्देश्य व जल गुणवत्ता के परीक्षण के बारे में बताया। पंचायतों से आए सरपंचजनों ने भी अपनी बात रखी। ढोलका पंचायत सरपंच श्री सुरेन्द्र सिंह राणावत ने कहा कि सभी डेम में 30 प्रतिशत जल पेयजल व्यवस्थाओं के लिए सुरक्षित रखा जाना चाहिए। आल्निया सरपंच श्री मन्नालाल पाटीदार ने जल संरचनाओ को सहेजने व योजनाओं को चलाने के लिए जल कर राशि जमा करने की बात कही। स्वास्थ्य विभाग के डॉ. गौड़ ने दूषित जल से होने वाली बीमारियों के बारे में बताया। कृषि विभाग के सहायक संचालक श्री वास्के ने ड्रीप एरीगेशन के माध्यम से सिंचाई कर जल बचाने की बात कही। इस अवसर पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सहायक यंत्री श्री केसी राठौर, उपयंत्री बीके धवन, एमके पण्डित, श्री लोकेश डायमा, विकासखंड समन्वयक बबन बेनल, स्वच्छ भारत मिशन के अवध अहिरवार, आईडब्ल्यूएमपी के भूपेन्द्र पंड्या व महेन्द्र सिंह, भू-अभिलेख से श्री लोहार, तितरी सरपंच समरथ पटेल, जितेन्द्र पांचाल, रूचिका सैनानी भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन जिला सलाहकार आनंद व्यास ने किया तथा आभार सहायक यंत्री डॉ. एसएल चौहान ने किया। कार्यक्रम में पानी बचाओं के संदेश को लेकर तैयार किए गए पोस्टर का विमोचन भी अतिथियों द्वारा किया गया।