पूरे देश में इस तरह की योजना प्रारम्भ करने वाला मध्यप्रदेश प्रथम राज्य है – श्री काश्यप

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मध्यप्रदेश शासन द्वारा तीन सितम्बर 2012 को मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना की शुरूआत की गई थी। इस योजना ने लोकतंत्र की मूल भावना से आमजनता को जोड़ा। मध्यप्रदेश के संवदेनशील मुख्यमंत्री ने 60 वर्ष से अधिक उम्र के प्रदेश के नागरिकों के जीवन में आनंद का भाव पैदा किया और तीर्थ यात्रा करवाकर बुजुर्गों के प्रति अपनी सद्भावना व्यक्त की। उक्त विचार मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन के पांच वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित समारोह में राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष एवं रतलाम शहर विधायक चेतन्य काश्यप ने व्यक्त की। कैलाशनाथ काटजू विधि महाविद्यालय सभाकक्ष में आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए श्री काश्यप ने कहा कि पूरे देश में इस तरह की योजना प्रारम्भ करने वाला मध्यप्रदेश प्रथम राज्य है। इस यात्रा के लिये प्रदेश के मुख्यमंत्री सद्भावना से समर्पित हैं यात्रा के दौरान यात्रियों को सभी सुविधा प्राप्त हो इसका विशेष ध्यान रखा जाता है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में सामाजिक सरोकारों के जो कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं उनके माध्यम से समाज के प्रत्येक वर्ग का कल्याण हो रहा है।

यात्रा की भावना को महत्व दें
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए आलोट क्षेत्र के विधायक जितेन्द्र गेहलोत ने कहा कि तीर्थ दर्शन योजना पूण्य का कार्य है। सरकार पूरी गम्भीरता के साथ इस योजना के माध्यम से प्रदेश के बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा का लाभ देने के लिये संकल्पबद्ध है। उन्होने यात्रियों से आव्हान किया कि वे धार्मिक भावना के साथ की जा रही यात्रा को अपने जीवन में भी महत्व दें। जिस तरह धार्मिक कार्य पूरी स्वच्छता और पवित्रता के साथ किया जाता हैं उसी प्रकार निजी जीवन में भी स्वच्छता का ध्यान रखे ताकि हमारा प्रदेश और देश स्वच्छता के मापदण्डों पर खरा उतर सकें।

ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को लाभान्वित करें
रतलाम ग्रामीण क्षेत्र के विधायक मथुरालाल डामर ने कहा कि योजना के अंतर्गत होने वाली तीर्थ यात्राओं की जानकारी ग्रामीणों तक पहुंचे और ग्रामीण बुजुर्गों को इस योजना का अधिक से अधिक लाभ मिलें इसका ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होने कहा कि जानकारी के अभाव में कई ग्रामीण तीर्थ योजना से जुड़ नहीं पाते हैं और पात्र होते हुए भी वह इसका लाभ नहीं ले पाते है। ऐसे ग्रामीण बुर्जुगो तक आगामी यात्राओं से संबंधित जानकारी उपलब्ध करायी जाये।

यात्रा पूण्य का कार्य
जिला पंचायत के अध्यक्ष प्रमेश मईड़ा ने इस अवसर पर कहा कि तीर्थ यात्रा पूण्य का कार्य हैं और प्रदेश के मुख्यमंत्री श्रवण कुमार की तरह अपने प्रदेश के बुजुर्गों को यह लाभ दिलाने के लिये प्रयासरत है। नगर निगम रतलाम की महापौर डॉ. सुनिता यार्दे ने कहा कि तीर्थ यात्रा का लाभ लेने के साथ ही तीर्थ यात्री इस बात का भी ध्यान रखे कि जिन शहरों एवं तीर्थ स्थलों पर जा रहे हैं वहा स्वच्छता संबंधित कौन सी विशेष बात उनकी नजर में आयी है। यदि ऐसी जानकारी वे हमें दे तो यहां भी अन्य शहरों में किये जा रहे स्वच्छता संबंधी नये प्रयोगों को लागू किया जा सकेंगा।

रतलाम जिले के दस हजार व्यक्ति लाभान्वित
कलेक्टर श्रीमती तन्वी सुन्द्रियाल ने स्वागत उदबोधन देते हुए कहा कि रतलाम जिले में इन पांच वर्षो के दौरान 45 यात्राओं के माध्यम से दस हजार आठ सौ 53 यात्री लाभान्वित हुए है। उन्होने कहा कि रतलाम जिले से अब तक अजमेर, वैष्णोदेवी, काशी विश्वनाथ, जगन्नाथपुरी, रामेश्वरम्, तिरूपति बालाजी, रामदेवरा एवं द्ववारका से तीर्थ दर्शन के लिये यात्री जा चूके हैं और आगामी आठ सितम्बर को रतलाम से कामाख्यादेवी के लिये तीर्थ यात्री प्रस्थान करेगें। उन्होने जिले के बुर्जुग नागरिकों से आव्हान किया कि वे अधिक से अधिक इस योजना का लाभ लें।

प्रारम्भ में अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। अतिथियों का स्वागत एडीएम डॉ. कैलाश बुन्देला, एसडीएम श्रीमती नेहा भारतीय, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती लक्ष्मी गामड़, पीओ.डूडा एस.कुमार ने किया। संचालन आशीष दशोत्तर ने किया। आभार प्रदर्शन जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सोमेश मिश्रा ने करते हुए उपस्थित नागरिकों से आव्हान किया कि वे स्वच्छता एवं पूर्ण खुले में शौच मुक्त अभियान में सक्रीय सहभागिता करें।