विद्युत वितरण कंपनी के लाईनमेन जिले के हर गांव एवं पंचायत में पहुंचे। आपके मेंटेनेंस के काम अधुरे नहीं रखे। ग्रामीण क्षेत्रों में लटकी हुई लाइनों और टुटे झुके खंबों को तत्काल सुधारा जाए। इनकी वजह से कोई दुर्घटना नहीं हो यह सुनिश्चित करे। कलेक्टर श्रीमती रूचिका चौहान ने यह निर्देश बुधवार को विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों को दिए। बैठक में विद्युत वितरण कंपनी रतलाम द्वारा संचालित योजनाओं तथा कार्यां की समीक्षा की गई। इस अवसर पर विधायक जावरा डॉ. राजेन्द पाण्डेय, अधीक्षण यंत्री विद्युत श्री बी.एल. चौहान तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में विधायक डॉ. पाण्डेय ने कहा कि विद्युतीकरण योजनाओं के जो कीमती सामान ग्रामीण क्षेत्रों में अनुपयोगी रूप से पड़े हुए हैं। उनका विद्युतीकरण कार्यां में इस्तेमाल हो। यदि ग्रामीण क्षेत्रों में विभागीय लापरवाही से कोई दुर्घटना होती है तो उसके लिए जिम्मेदार भी तय होना चाहिए। इस संबंध में अधीक्षण यंत्री कार्यवाही करे। इसके साथ ही शहरी क्षेत्रों में बीच बाजार विद्युत वितरण कंपनी द्वारा लगाए गए हेवी ट्रांसफार्मरों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए विधायक द्वारा इनको भीड़ भरे स्थानों से हटाने के लिए कहा गया।

कलेक्टर श्रीमती रूचिका चौहान ने निर्देश दिए कि अधीक्षण यंत्री जिले में मेंटेनेंस के लिए रोस्टर तैयार करे। हरेक पंचायत में मॉनिटरिंग हो। बाजना, शिवगढ़ क्षेत्रों में बिजली की शत प्रतिशत उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। अभी भ्रमण के दौरान देखने मेंं आता है कि बाजना क्षेत्र में जो रोड़ साईड है या मात्र 3-4 घर होते हैं। उधर रात्रि में विद्युत व्यवस्था नजर नहीं आती है। अधीक्षण यंत्री ने बताया कि शिवगढ़ में 132 केवी का सब स्टेशन बन रहा है इसके निर्माण से समस्या दूर हो जाएगी। कलेक्टर ने जिले के 1098 राजस्व ग्रामों में 24 घण्टे बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि ट्रांसफार्मर जलने, फेल होने, बंद या खराब होने की सूचना एसएमएस द्वारा दी जा सकती है। इसके लिए ट्रांसफार्मर पर अंकित किए गए 7 अंकों के कोड को 8989300800 पर एसएमएस करना होगा। शिकायतकर्ता को एसएमएस द्वारा उसकी शिकायत के संबंध में सूचित किया जाएगा।

बैठक में ट्रांसफार्मर परिवहन भुगतान योजना की जानकारी भी दी गई। इस योजना में जिले के 352 किसानों को 3 लाख 42 हजार रुपये का परिवहन भुगतान किया जा चुका है। इस योजना में फेल ट्रांसफार्मर को यदि किसान द्वारा स्वयं के वाहन में कंपनी के संभागीय मुख्यालय तक लाया जाता है तो प्रति किलोमीटर के मान से तय दरों के अनुसार किसान को विद्युत वितरण कंपनी परिवहन भाड़े का भुगतान करती है। बैठक में विद्युत वितरण कंपनी की कई अन्य योजनाओं तथा सिंचाई हेतु विद्युत आपूर्ति की जानकारी दी गई।