शहर में होने वाले प्रॉपर्टी के बड़े सौदों खासकर 30 लाख रुपए से ज्यादा पर इनकम टैक्स विभाग की नजर है। इसके लिए आईटी विभाग ने रजिस्ट्रार विभाग से जानकारी ली है। अब इस आधार पर घर बेचने और खरीदने वालों की कमाई के साथ सौदे की राशि का मिलान किया जाएगा। ताकि बेनामी संपत्ति का पता चल सके।
नोटबंदी के बाद से ही बेनामी संपत्ति को लेकर आईटी विभाग लगातार जांच में जुटा है। लोगों के बैंक अकाउंट खंगालने के बाद विभाग अब प्रॉपर्टी के सौदों की जानकारी जुटा रहा है। खासकर उन सौदों की जो 30 लाख से ऊपर के हैं। इसमें प्लॉट, फ्लैट, बंगले और 5000 वर्ग फीट के फॉर्म हाउस शामिल हैं। इसके लिए सभी की जानकारी ले ली है। अब इसका मिलान विक्रेता और क्रेता की कमाई से किया जा रहा है। साथ ही यह भी जांच की जा रही है इनकम टैक्स रिटर्न की फाइल में इसकी जानकारी दी है या नहीं। यदि कमाई से ज्यादा के सौदे मिलते हैं तो विभाग नोटिस जारी करेगा। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
शहर में 30 लाख से ऊपर के 187 सौदे हुए
शहर में 30 लाख रु. से ऊपर के 187 सौदे हुए। इसमें जमीन, फ्लैट, दुकान और बंगले शामिल हैं। ये सभी सौदे सरकारी गाइड लाइन के हिसाब से हुए हैं जबकि इनका बाजार मूल्य इससे कहीं ज्यादा है। इसमें 30 लाख रुपए से 2 करोड़ रुपए के सौदे शामिल हैं। नोटबंदी के ठीक बाद 50 लाख से दो करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी के सौदे हुए हैं। ऐसे में इनकम टैक्स विभाग इन सौदों का गाइड लाइन के हिसाब से तो मिलान कर रहा है बाजार मूल्य के हिसाब से भी इन सौदों का आकलन किया जा रहा है। संबंधितों की रिटर्न फाइलों से इसका मिलान किया जाएगा। इसमें यह पता लगाया जाएगा कि सालाना रिटर्न में संबंधितों ने इनकी जानकारी दी है या नहीं। इस आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
नोटबंदी के बाद आयकर विभाग के जो सर्वे हुए थे, उनमें प्रॉपर्टी के बेनामी सौदे मिले थे
नोटबंदी के बाद विभाग ने अब तक शहर में जो भी सर्वे किए हैं उनमें प्रॉपर्टी के बेनामी सौदे होना मिले हैं। इसमें खेत के साथ जमीन और अन्य प्रॉपर्टी के सौदे शामिल हैं। जिनके यहां सर्वे हुए हैं उसमें सराफा कारोबारी, कपड़ा सहित अन्य कारोबारी शामिल हैं। ऐसे में विभाग ने बेनामी संपत्ति की जानकारी जुटाने के लिए रजिस्ट्रार विभाग से सौदों की जानकारी ली है।
प्रॉपर्टी के सौदों की जानकारी रिटर्न में दर्शाई है या नहीं, इसकी भी कर रहे हैं जांच
इनकम टैक्स विभाग के संयुक्त आयुक्त सतीश सोलंकी ने बताया 30 लाख से ऊपर के प्रॉपर्टी की खरीदी की जानकारी ली है। खरीददार में से कौन रिटर्न भरता है। इसकी जानकारी ली जा रही है। देखने में आता है कि लोग 30 से 50 लाख की प्रॉपर्टी खरीदते हैं और दो लाख का रिटर्न भरते हैं। कई बार लोग रिकॉर्ड में भी जानकारी नहीं देते। इसलिए जानकारी निकाली जा रही है।