माणकचौक स्थित मां महालक्ष्मी मंदिर में सजावट के लिए श्रद्धालु नोटों की गड्डियां, हीरे, जेवरात, आभूषण आदि लेकर पहुंचने लगे हैं। कोई बेटी को डेंगू होने पर रतलाम आया था तो धन रख गया तो कोई मां के कहने पर वड़ोदरा से मां महालक्ष्मी के दरबार में लेकर आया। चांदनी चौक के एक व्यापारी ने तो नोट की गड्डियों व आभूषणों से भरी तिजोरी मंदिर में रख दी है। इस बार धन जमा कराने वालों का पासपोेर्ट फोटो भी लिया जा रहा है ताकि लौटाते समय दिक्कत न हो।
मंदिर में करोड़ों रुपए के नोट और जेवरात से मां महालक्ष्मी का शृंगार किया जाएगा। यह शृंगार धनतेरस से दीपावली तक रहेगा। शहर से बाहर रहने वाले श्रद्धालुओं ने मंदिर में धन लाना शुरू कर दिया है, हालांकि परेशानी न हो इसलिए पुजारी भी उन्हें मना नहीं कर रहे, लेकिन शहरवासी पुष्य नक्षत्र यानी 31 अक्टूबर से मंदिर में नोट-जेवरात जमा करा सकेंगे।
मंदिर से जुड़े लोगों ने मंदिर को सजाने की तैयारियां भी शुरू कर दी है। नोटों की लड़ियां बनने लगी हैं तो लाइटिंग का काम चल रहा है। पिछले साल मंदिर में श्रद्धालुओं ने इतना धन रखा था कि जगह कम पड़ गई थी। इस साल ऐसी स्थिति ना हो इसलिए मंदिर में अलग से कोई सजावट नहीं की जा रही ताकि जगह की कमी न हो।
मंदिर में शहरवासी बुधवार से मंदिर में धन रख सकेंगे। पंडित संजय पुजारी ने बताया सुबह 8.30 से 9.30, दोपहर 2 से 4, रात 9 से 11 बजे तक चढ़ावा लेकर आ सकते हैं। इस साल चढ़ावे के साथ पासपोर्ट फोटो भी देना अनिवार्य होगा ताकि देते वक्त गफलत ना हो। मंदिर में श्रद्धालु 4 नवंबर तक चढ़ावा रख सकेंगे।