मंडी के पास की जमीन पर कट रही कॉलोनी को लेकर मंडी अध्यक्ष ने सचिव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बुधवार को हुई मंडी समिति की बैठक में उन्होंने सचिव पर भ्रामक जानकारी देने के आरोप लगाए और हाईकोर्ट में चल रहे मामले को वापस लेने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया। हालांकि उनसे सहमत सदस्यों की संख्या कम होने से प्रस्ताव खारिज हो गया।
अध्यक्ष प्रकाश भगौरा के कक्ष में बैठक दोपहर 1.00 बजे शुरू हुई। पहले अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई। जैसे ही बैठक खत्म होने वाली थी। मंडी अध्यक्ष भगौरा खड़े हो गए और बोले सचिव ने मुझे भ्रामक जानकारी दी है। मुझे उत्तर दिशा की भूमि को मंडी के लिए आरक्षित होना बताया जबकि 2021 के मास्टर प्लान में मंडी विस्तार के लिए आरक्षित नहीं होकर व्यावसायिक उपयोग के लिए है। इससे मुझे केस नहीं लड़ना है। हाईकोर्ट में दायर रिट पिटिशन वापस लूंगा। डी.पी. धाकड़, शांतिलाल शर्मा एवं राजकुमार गुर्जर ने अध्यक्ष के इस प्रस्ताव का विरोध किया। तीनों ने बताया 15 फरवरी को जो प्रस्ताव पारित किया है। वो अकेले अध्यक्ष का निर्णय नहीं है बल्कि पूरी समिति का है। यह मंडी और किसान हित का निर्णय है। 15 फरवरी का फैसला और 15 अप्रैल के प्रस्ताव अनुसार की गई न्यायालयीन कार्यवाही यथावत रखी जाए। अध्यक्ष के इस प्रस्तावों पर सदस्यों से सहमति ली गई। 13 में से 8 सदस्यों ने न्यायालयीन कार्रवाई जारी रखने पर सहमति दी और हाईकोर्ट से प्रकरण वापस लेने का प्रस्ताव निरस्त हो गया।
मंडी अध्यक्ष ने की कलेक्टर से शिकायत
कलेक्टर को की शिकायत में मंडी अध्यक्ष प्रकाश भगोरा ने बताया कि सचिव ने प्रस्ताव तैयार किया और उपस्थित सदस्यों के मत एवं हस्ताक्षर कराए। इसके बाद खाली जगह छोड़ कर खुद के हस्ताक्षर किए और मेरे हस्ताक्षर करवा लिए। मुझे पता चला है कि सचिव ने धोखाधड़ी कर खाली स्थान पर स्वयं की लिखावट से प्रस्ताव पारित करना बता दिया। इस पर सचिव के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
मंडी अध्यक्ष की मौजूदगी में लिया निर्णय, अब क्यों पलटे
पूर्व में मंडी बोर्ड में निर्णय हुआ था कि मंडी के पास लगी भूमि मंडी के लिए आरक्षित की जाएगी। परंतु बैठक में अध्यक्ष खुद उच्च न्यायालय से केस वापस लेने का प्रस्ताव ले आए। मंडी के इतिहास में यह काला दिन है। जिन लोगों को किसानों ने चुनकर भेजा है। वही भूमाफियाओं के हाथ में बिक गए हैं। हम मंडी से लगी हुई जमीन लेकर रहेंगे। इसके लिए कहीं भी लड़ाई लड़ना पड़े तो लड़ेंगे। डी.पी. धाकड़, मंडी डायरेक्टर
सचिव बोले-टीएंडसीपी को वस्तु स्थिति बताने लिखा
सचिव आर. वसुनिया ने भी बैठक में अपना पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि मंडी समिति की बैठक 15 फरवरी को हुई थी। इसमें भूमि को अधिग्रहित किए जाने का प्रस्ताव पारित किया। 15 अप्रैल को फिर समिति की बैठक हुई थी। इसमें न्यायालयीन कार्यवाही करने का प्रस्ताव पारित हुआ था। भूमि की वस्तु स्थिति अवगत कराने के लिए टीएंडसीपी को लिखा है। वस्तु स्थिति आने के बाद प्रकरण में फैसला लिया जाना उचित होगा।
मंडी अध्यक्ष की बात का विरोध करते मंडी डायरेक्टर धाकड़।
अनाज मंडी के पास एक कॉलोनी काटी जा रही है। इस मामले को लेकर 15 फरवरी को मंडी समिति की बैठक हुई थी, इसमें समिति ने मंडी के विस्तार के लिए पास की जमीन अधिग्रहित करने का प्रस्ताव पारित किया था। इसे कलेक्टर को सौंपा था। कोई कार्रवाई नहीं होने पर मंडी समिति ने जमीन अधिग्रहण के लिए 15 अप्रैल को मंडी अध्यक्ष की अध्यक्षता में हुई बैठक में ही हाईकोर्ट जाने का फैसला लिया गया था। इस फैसले को लेकर ही मंडी अध्यक्ष ने सचिव पर धोखाधड़ी से साइन कराने के आरोप लगाए हैं।