मंडी के अलावा बाहर उपज की खरीदी पर पाबंदी है। बावजूद नामली उप मंडी में गेहूं सहित अन्य अनाज की बाहर खरीदी हो रही है। लाइसेंस धारी व्यापारी भी बाहर ही माल खरीद रहे हैं। मंडी को राजस्व का नुकसान हो रहा है, तुलावटी व हम्मालों को रोजगार भी नहीं मिल रहा है। यही स्थिति रही तो उपमंडी बंद हो जाएगी।

यह कहना है उपमंडी के तुलावटी एवं हम्मालों का। गुरुवार को उन्होंने मंडी प्रभारी को ज्ञापन सौंपकर बाहर खरीदी पर रोक लगाने और ऐसा करने वाले व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। कृषि उप मंडी समिति नामली अध्यक्ष राजू दड़िग एवं सचिव संदीप जैन ने बताया करोड़ों खर्च कर मंडी बनाई है। इसके बावजूद व्यापारी ज्यादा दाम देकर खरीदी कर रहे हैं। इससे मंडी में आवक नहीं है और राजस्व का नुकसान हो रहा है। इस संबंध में बोर्ड बैठक में भी अवगत कराया था। आज तक कार्रवाई नहीं हुई है। जल्द से जल्द इस पर रोक लगाई जाए।

खेरची माल ही बाहर बिक रहा है-व्यापारी प्रतिनिधि मनोज जैन ने बताया खेरची माल बाहर बिक रहा है। किसान 30 से 40 किलो गेहूं लाते हैं और किराना दुकान पर बेचकर चले जाते हैं। ये खेरची माल है थोक माल तो मंडी में ही बिक रहा है।