चातुर्मास के दौरान लोकसंत विजय जयंतसेन सूरीश्वरजी की निश्रा में गुरुवार को चातुर्मास की पहली मोक्षदंड तपस्या का अंतिम प्रत्याख्यान तपस्वी प्रेमलता नरेंद्र छाजेड़ ने लिया। इससे पहले उन्होंने मेरुदंड पूजा की। लोकसंत ने तप-आराधना को आत्मकल्याण का सबसे श्रेष्ठ मार्ग बताया।
जयंतसेन धाम में तपस्वी छाजेड़ ने परिजन की उपस्थिति में 44 दिवसीय तपस्या के अंतिम उपवास का प्रत्याख्यान लिया। तपस्या में छाजेड़ द्वारा एक दिन छोड़कर 22 उपवास की आराधना की गई, जो 44 वें दिन गुरुवार को पूर्ण हुई। छाजेड़ इससे पूर्व लोकसंत की निश्रा में चातुर्मास के दौरान 36 उपवास (मासक्षमण) की दीर्घ तपस्या भी कर चुकी हैं। मोक्षदंड तप 21 अक्टूबर को पारणे के साथ पूर्ण होगा। चातुर्मास आयोजक व राज्य योजना आयोग उपाध्यक्ष चेतन्य काश्यप परिवार की वरिष्ठ तेजकुंवरबाई काश्यप ने तपस्वी का बहुमान किया।
पाप का फल दुर्गति और धर्म का फल है सद्गति- मुनिराज
विजयजी ने कहा कि धर्म का मार्गदर्शन देना गुरु का कर्तव्य है। वह हमें पाप से छुड़ाकर धर्मानुरागी बनाना चाहते हैं। पाप का फल दुर्गति और धर्म का फल सद्गति होता है। पुण्यवान लोगों के जीवन में परिवर्तन दिखाई देता है तो वह गुरु की कृपा से ही संभव होता है। जयंतसेन धाम में उत्तराध्ययन सूत्र का वाचन करते हुए मुनिराज ने कहा कि पूर्व के पुण्य प्रभाव से इस भव में सुख के साधन सामग्री प्राप्त होते हैं लेकिन मनुष्य को उन सुखों में आसक्त न होकर पुन: धर्म-आराधना में आगे बढऩा चाहिए। गुरुवार को गुंटूर श्रीसंघ का प्रतिनिधिमण्डल अध्यक्ष माणकलाल जैन के नेतृत्व में लोकसंत से आशीर्वाद लेने पहुंचा। संघ अध्यक्ष का काश्यप परिवार व रतलाम श्रीसंघ की ओर से नरेन्द्र चौरडिय़ा, पंकज खेड़ावाला, श्रीपाल सकलेचा व सुरेन्द्र गंग ने बहुमान किया। दादा गुरुदेव की आरती का लाभ गुंटूर के कपूरचंद फूलचंद परिवार ने लिया।
सिद्धितप महोत्सव आज से
शुक्रवार से लोकसंत की निश्रा में शहर में साध्वी तत्वलताश्रीजी के सिद्धितप का तीन दिवसीय महोत्सव उनके सांसारिक परिवार मोतीलाल सूरजमल भटेवरा द्वारा आयोजित किया जाएगा। 21 अक्टूबर को लोकसंत, मुनिमंडल व साध्वीवृंद के साथ सुबह 6.30 बजे चांदनीचौक से मोहन टॉकीज (सैलाना वालों की हवेली) पर मंगल प्रवेश करेंगे। वहीं 9 बजे प्रवचन होंगे। शनिवार को सुबह 6.30 बजे श्री नागेश्वर पाश्र्वनाथ मंदिर भोयरा बावड़ी से करमदी तीर्थ का संघ निकलेगा। करमदी तीर्थ में सिद्धितप का पारणा व प्रवचन होंगे। रविवार को पाश्र्वनाथ पंच कल्याणक पूजन का आयोजन होगा ।
चैत्य परिपाटी 23 को
23 अक्टूबर को अनुश्री-अभिषेक खाबिया व राजेश-अनोखीलाल खाबिया के अट्ठाई तप के निमित्त रतलाम से सागोद तीर्थ की चैत्य परिपाटी का आयोजन किया जाएगा। चैत्य परिपाटी सुबह 6 बजे नागरवास स्थित खाबिया के निवास से निकलेगी, इसके बाद सागोद तीर्थ दर्शन व चैत्यवंदन कर जयंतसेन धाम जाएगी।