आपने ऐसा शायद ही सुना होगा कि किसी मृत्युभोज में ब्लड शिविर लगा हो और उसमें आए मेहमानों की ब्लड की जांच की गई हो। रतलाम से 8 किमी दूर पलसोड़ा में ऐसा ही हुआ। यहां समाजसेवी कचरू राठौड़ की बुआ रामीबाई राठौड़ का मृत्युभोज का कार्यक्रम था। गांव की राठौड़ धर्मशाला के सामने ही एक ब्लड कैंप लगा। इसमें जो भी मेहमान आए उनकी ब्लड की जांच की गई। हाथोहाथ रिपोर्ट भी दी ताकि कभी कोई दुर्घटना होने पर उन्हें अपना ब्लड तो याद रहे और जरूरत पड़ने पर वो रक्तदान कर सकें। पुरुषों के साथ महिलाओं ने भी शिविर में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और खून की जांच कराई। कई लोग तो इतने खुश हो गए कि उन्होंने कहा कि यदि किसी को ब्लड की जरूरत होगी तो हम भी देंगे।
ब्लड गांव से प्रदेश में पहचाना जाता है गांव- यह गांव वैसे भी पूरे प्रदेश में ब्लड गांव के नाम से पहचाना जाता है। यहां 700 घर हैं। इसमें से 500 रक्तदाता हैं। किसी को भी ब्लड की जरूरत पड़ने पर तुरंत पहुंच जाते हैं और उसकी जान बचाते हैं। अब तक रतलाम ही नहीं इंदौर, वडोदरा, उदयपुर, अहमदाबाद जाकर ब्लड दे चुके हैं।
शिविर में 1000 से ज्यादा लोगों की जांच की
कार्यक्रम में ब्लड शिविर जिला अस्पताल के सहयोग से रखा। इसमें ब्लड बैंक कर्मचारी जुटे रहे। सरपंच कैलाशचंद्र राठौड़, धमेंद्र राठौड़, जितेंद्र राठौड़, अनिल राठौड़, महेश राठौड़, सुरेश राठौड़ , बंटी पांचाल, विनोद राठौड़, राजू बैरागी, समरथ राठौड़, मनीष टेलर, मनोज राठौड़, श्रवण डांगी के साथ रक्तदान महादान की टीम के दिलीप भंसाली, राजेश पुरोहित, डॉ सुनील गोयल, कीर्ति गेहलोत आदि ने सहयोग दिया।