शहर से सटी बिबड़ौद पंचायत की दलित सरपंच ने सचिव पर भेदभाव का आरोप लगाया है। इसमें बताया दलित होने के कारण उन्हें पंचायत भवन में एक कोने में बैठाया जाता है। पानी का मटका भी बदल दिया है। उन्होंने कलेक्टर को पत्र लिखकर जातिगत दुर्व्यवहार की शिकायत की है। मामले में जनपद सीईओ ने जांच के निर्देश दिए हैं।

बिबड़ौद सरपंच गुलाबबाई ने पत्र में आरोप लगाया कि दलित हाेने के कारण पंचायत सचिव हरेंद्र सिंह पंवार ने उन्हें ढाई महीने तक सरपंच की कुर्सी के बजाए कोने में रखी कुर्सी पर बैठाया। पंचायत में जिस मटके के पानी का उपयोग सभी लोग करते थे, उसे बदलकर प्लास्टिक की कैन रखवा दी। सचिव ने नाली निर्माण के लिए 78 हजार रुपए के आहरण के कागजातों पर साइन तो करवाए लेकिन नाली बनवाई ही नहीं। बाद में जातिगत दुर्व्यवहार और आर्थिक अनियमितता की उच्चाधिकारियों को शिकायत की तो सचिव ने कुर्सी की जगह तो बदल दी लेकिन केशबुक और आय-व्यय का ब्यौरा नहीं दिया।

जातिगत द्वेषता नहीं है, आप गांव में आकर देख लें
सरपंच के प्रति जातिगत द्वेषता नहीं है। पंचायत में जगह कम है और महिला का सम्मान बना रहे इसलिए एक ओर जगह दी थी। इसका दूसरा आशय निकाल लिया। वास्तविक स्थिति गांव में आकर देख लें। इधर राशि समायोजन से गलतफहमी की स्थिति बनी। जांच में साफ हो जाएगा। हरेंद्र सिंह पंवार, पंचायत सचिव

जनपद इंस्पेक्टर को जांच के निर्देश दिए हैं

मामला हमारे संज्ञान में आया है। जनपद इंस्पेक्टर काे इस प्रकरण में जांच के निर्देश दिए हैं, वे गांव में जाकर जांच के बाद रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। यदि वाकई कुछ गलत हुआ है तो सख्त कार्रवाई करेंगे। एल.एस. डिंडोर, जनपद सीईओ

बिबड़ौद सरपंच गुलाबबाई के पति विक्रम वाघेला सेना से सेवानिवृत्त हैं। उनके दाे बेटे विपिन और कपिल भी सेना में हैं। वे श्रीगंगा नगर और जबलपुर ट्रेनिंग अकादमी में पदस्थ हैं। बिबड़ौद ग्राम पंचायत के अधीन बिबड़ौद और सरवनी खुर्द की 2 हजार आबादी में केवल 15 परिवार ही दलित हैं। इनमें बिबड़ाैद में गुलाबबाई का ही परिवार संत रविदास अनुयायी समाज से ताल्लुक रखता है।

By parshv