रतलाम। सामान्यत: मक्का के भाव 1300-1400 रुपए क्विंटल रहते हैं, लेकिन सरवनी के किसान कन्हैया पाटीदार की मक्का 2601 रुपए क्विंटल कृषि उपज मंडी में नीलाम हो गई। यह सुनकर सभी आश्चर्यचकित रह गए। इस मौके पर देखने मंडी अध्यक्ष प्रकाश भगोरा भी मौके पर पहुंच गए और प्रसन्नता जाहिर की।

कृषक कन्हैया ने बताया कि यह देशी पॉपकार्न मक्का है, जो 80-90 प्रतिशत तक फुटती है। वैसे पिछले साल तो मैंने कम ही लगाई थी और करीब 150 क्विंटल उत्पादन हुआ था। इस वर्ष रबी में दो-तीन किलो लगाने का विचार है, घर का देशी बीज था, नीलामी के दौरान भाव की शुरुआत 1500 रुपए से हुई थी और 2601 रुपए क्विंटल के भाव नीलाम हुई, जिसे मनीष टे्रडर्स ने खरीदा। पॉपकार्न का दाना मीठा होने के कारण पक्षियों से बचाना पड़ता है। एक पौधे में दो भुट्टे आए थे। 100 ग्राम वजन बैठता है।

202 रुपए क्विंटल नीलाम हुआ सरकारी प्याज
समर्थन मूल्य में सरकार द्वारा खरीदा गया प्याज मंगलवार को फिर से नीलाम किया गया। नीलामी प्रक्रिया की प्रशासन द्वारा विडियोग्राफी भी करवाई गई। इस नीलामी में चार व्यापारियों ने भाग लिया। जिला प्रशासन द्वारा गठित समिति द्वारा इस प्याज को पूर्व में भी नीलाम किया जा चुका था, लेकिन व्यापारियों द्वारा नहीं उठाए जाने के बाद बचा हुआ निम्न स्तर का प्याज पुन: नीलाम किया गया। जिसकी प्रथम बोली 11 रुपए क्विंटल से शुरू की गई, अंत में मंडी परिसर के प्लेटफार्म और गोदाम पड़ा हुआ है प्याज 202 रुपए क्विंटल के भाव में आरओसी फर्म ने खरीदा। यह प्याज व्यापारी को 48 घंटे में उठाना होगा। नीलामी के दौरान तहसीलदार रश्मि श्रीवास्तव,नागरिक आपूर्ति निगम के आगर, मंडी सचिव एमएल बारसे, सहायक सचिव सत्यनारायण गोयल, राजेंद्रकुमार व्यास, रुमालसिंह व्यापारी आदि उपस्थित थे।

15 हजार क्विंटल से अधिक प्याज खराब
हालात ये है कि विभागीय लचर व्यवस्था के कारण कृषि उपज मंडी और आइल मील में 15 हजार क्विंटल से अधिक प्याज खराब होना बताया जा रहा है। समय पर न परिवहन कर पाया और ना ही बैचा गया प्याज व्यापारियों से समय पर मंडी प्रांगण से खाली करवा पाया। यह तो केवल रतलाम की हालात है। जिले ताल, जावरा और सैलाना में भी काफी मात्रा में प्याज खराब हुआ है। नागरिक आपूर्ति निगम के आगर से जब इस संबंध में बात करना चाही तो उनका कहना था अब तक आकड़े नहीं आए है, कि कितना प्याज खराब हुआ है, जबकि रतलाम का अधिकांश प्याज का तौलकर नष्टीकरण भी किया जा चुका है।