मिनी स्मार्ट सिटी के पहले फेज में रतलाम के भी शामिल होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान गणतंत्र दिवस (26 जनवरी 2016) को ही रतलाम को स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा कर चुके हैं। राज्य योजना आयोग उपाध्यक्ष और विधायक चेतन्य काश्यप ने शहर को प्रतिस्पर्धा से मुक्त कर प्रथम चरण में ही योजना में शामिल करने को लेकर नगरीय विकास एवं आवास विभाग को पत्र लिखा है। स्मार्ट सिटी को आकार देने स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) कंपनी बनाई जाएगी। राज्य सरकार बेस कैपिटल के रूप में शुरुआत में 25 करोड़ रुपए देगी। उसके बाद स्मार्ट सिटी कांसेप्ट के तहत विकास के प्रोजेक्ट बनाकर एसवीपी कंपनी फंडिंग का इंतजाम करेगी। इसके लिए पीपीपी मोड, संयुक्त उद्यमों, सहायक कंपनियों सहित अन्य मोड का सहारा लिया जा सकेगा। दो साल में कंपनी को विकास कार्यों को मूर्त रूप देना होगा।
हमने प्रयास शुरू कर दिए हैं
मिनी स्मार्ट सिटी योजना के पहले चरण में रतलाम भी शामिल हो सकता है। मुख्यमंत्री 26 जनवरी 2016 को ही घोषणा कर चुके हैं। हमने प्रयास शुरू कर दिए हैं। कांसेप्ट में एक एसवीपी कंपनी बनेगी, जो शहर में स्मार्ट सिटी के लिए विकास कार्य करेगी। चेतन्य काश्यप, विधायक एवं राज्य योजना आयोग उपाध्यक्ष
दूसरों से बेहतर स्थिति में हैं
स्पर्धा के लिए चयनित शहरों में रतलाम का भी नाम है। िनर्देश मिल चुके हैं। अनेक विकास कार्य हो चुके हैं, अमृत मिशन के प्रोजेक्ट चालू होने वाले हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर में हमारी स्थिति दूसरों से काफी बेहतर हैं। एसके सिंह, आयुक्त नगर निगम
केंद्र सरकार के स्मार्ट सिटी वाले मापदंडों के मुताबिक 12 शहरों का चयन किया जाना है। पहले चरण के लिए एक लाख से ज्यादा आबादी वाले 24 शहरों को शामिल किया गया है। 12 शहरों में से अमरकंटक, ओरछा और मेहर का चयन हो चुका है, अब 9 शहरों का चयन किया जाना है। इसके लिए नगर निगम और नगर पालिकाओं को आमंत्रित किया गया है। इन्हें ई-सेवाएं, ई-गवर्नेंस, आवासीय योजनाओं, कमजोर वर्ग योजना, व पब्लिक ट्रांसपोर्ट सहित अन्य से संबंधित तथ्य रखना होंगे। इसके आधार पर शहरों की रैंकिंग कर योजना में लिया जाएगा।
यह सब होगा स्मार्ट सिटी में
स्मार्ट पार्किंग, यातायात व्यवस्था, स्पेशल एरिया डवलपमेंट, बिजली प्रबंधन व स्मार्ट स्ट्रीट लाइटिंग, कचरा प्रबंधन, पर्याप्त और प्रत्येक तक जल आपूर्ति, स्वच्छता प्रबंधन, सिटी ट्रांसपोर्ट की बेहतर व्यवस्था, गरीबों के लिए किफायती आवास, महिला, बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा के इंतजाम सहित अन्य।