रतलाम। मध्‍य प्रदेश के रतलाम से पुलिस ने पिछले महीने आतंकी संगठन इस्‍लामिक स्‍टेट से जुड़े पांच युवकों को गिरफ्तार किया है। ये आतंकी मॉड्यूल भारत में हमले की योजना बना रहे थे। इस जानकारी के सामने आने के बाद से खुफिया एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं।

पुलिस और खुफिया विभाग के उच्‍च पदस्‍थ सूत्रों के अनुसार इराक और सीरिया में जिहादी संगठन के लिए लड़ने वाले भारतीयों की संख्‍या बढ़ रही है। मगर, देश में आईएस के सेल के सक्रिय होने की जानकारी पहली बार सामने आई है।

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्‍सप्रेस की खबर के मुताबिक, रतलाम से 15 अप्रैल को गिरफ्तार किए गए पांच लोगों का लीडर इमरान खान मोहम्‍मद शरीफ है। उसने आईएस के लिए काम करने के लिए कर्नाटक के मुहम्‍मद शफी अरमार को ऑनलाइन भर्ती किया था।

उसका कोड नाम यूसुफ था और वह इंडियन मुजाहिदीन का भगोड़ा आतंकी है, जो आईएस के लिए लड़ रहे भारतीयों के समूह का नेतृत्‍व कर रहा है। मोहम्‍मद शफी अरमार का भाई मोहम्‍मद सुल्‍तान अरमार सीरिया के कोबाने में मार्च में मारा गया था। वह कुर्द के नियंत्रण्‍ा वाले क्षेत्र में कब्‍जा करने के लिए आईएस के साथ लड़ाई करते हुए मारा गया था।

रतलाम में पुलिस सूत्रों के अनुसार खान को शुरुआत में विस्‍फोटक बनाने में इस्‍तेमाल होने वाले केमिकल को रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उस पर आतंकवाद से जुड़े आरोप बाद में जोड़े गए। जांचकर्ताओं ने इंटरनेट पर बातचीत और चैट को बरामद कर लिया है।

पुलिस ने बताया कि खान ने विस्‍फोटक बनाने, हरियारों को हासिल करने और हमले के लिए टारगेट चुनने में अरमार से मदद मांगी। उसे हर ऑपरेशन के लिए सलाह दी गई। जांच से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैब द्वारा खान के कंप्‍यूटर की एनालिसिस करने के बाद अधिक जानकारी मिल सकेगी।

मध्‍य प्रदेश सरकार के शहरी शिक्षा विभाग में क्‍लर्क के बेटे खान ने रतलाम के रॉयल कॉलेज से 2001 में अंडरग्रेजुएट बिजनेस कोर्स में चार सेमेस्‍टर पूरे करने के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। खान के पासपोर्ट से पता चला है कि उसने पढ़ाई छोड़ने के बाद पांच बार दुबई की यात्रा की। उसके परिवार के मुताबिक खान ने यह यात्राएं काम की तलाश में की थीं। हालांकि, उसकी किसी यात्रा के बाद उसे काम नहीं मिला।

By parshv