शहर को मिलेगा 1 करोड़ गैलन पानी

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रतलाम. शहर को धोलावड़ से जल्दी ही एक करोड़ गैलन पानी रोज मिलेगा। जेकवेल का काम 90 फीसदी पूरा हो गया है। बाकी काम भी जल्दी हो जाएगा। इससे इस माह नई पाइप लाइन से सप्लाई शुरू होने की उम्मीद है। शहरवासियों को भरपूर पानी मुहैया कराने के लिए निगम की बहुप्रतीक्षित यूआईडीएसएसएमटी (अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्मॉल स्कीम एंड मीडियम टाउन) योजना पूरी होने वाली है।
 
केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से शुरू हुई योजना 2010 में पूरी होनी थी। फंड की कमी से कई बार योजना अटकी। गतिरोध के चलते पाइप लाइन का काम 2013 में पूरा हो पाया। इसके बाद जेकवेल का काम अटक गया। यह अब पूरा होने को है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस माह कभी भी नई पाइप लाइन से सप्लाई शुरू हो जाएगी।

महापौर शैलेंद्र डागा ने बताया धोलावड़ से रतलाम तक पाइप लाइन डाल चुकी है। जेक वेल की वजह से काम अटक रहा था। इस महीने में कभी भी सप्लाई शुरू हो जाएगी।

कभी भी शुरू कर देंगे सप्लाई

-> धोलावड़ से रतलाम तक दो पाइप लाइन हो जाएंगी।

एक लाइन लीकेज होती है तो दूसरी से सप्लाई संभव होगी।

विकसित कॉलोनियों में टैंकर नहीं भेजना पड़ेंगे।

-> ज्यादा कनेक्शन होने से जल कर भी ज्यादा मिलेगा।

-> ज्यादा प्रेशर से पानी मिलेगा।

शांतिनगर व कस्तूरबानगर टंकी जल्दी भर जाएगी।

 आसपास की कॉलोनियों में दिक्कत नहीं आएगी।

निगम के अधीन डेवलप कॉलोनियों में पाइप लाइन से सप्लाई होगी।

नलकूप, हैंडपंप व टैंकरों पर निर्भरता खत्म हो जाएगी।

एक दिन छोड़कर मिलेगा पानी

धोलावड़ से शहर को भले ही 1 करोड़ गैलन पानी रोज मिलेगा लेकिन शहरवासियों को एक दिन के अंतराल पर ही पानी वितरित किया जाएगा। अभी रोज 50 लाख गैलन सप्लाई होता है। अब 50 लाख गैलन अतिरिक्तपानी मिलेगा। इससे शांतिनगर, कस्तूरबानगर एवं गंगासागर टंकी पूरी क्षमता तक भर पाएंगी। शांतिनगर व कस्तूरबानगर की टंकी बने काफी वक्तहो चुका है लेकिन ये नहीं भर पा रहीं थी। गंगासागर टंकी की क्षमता 15 लाख गैलन की है लेकिन 9 लाख गैलन पानी भरा जाता है। अतिरिक्त पानी मिलने से यह पूरी क्षमता से भर पाएगी।