रतलाम।दौलत का लालच इंसान का किस कदर नैतिक पतन करता है और उसे जुर्म की ओर मोड़ देता है। उसे स्वयं को भी पता नहीं चल पता है, ऎसा ही वाकया सिलावटों के वास में बेटा-बहू द्वारा वृद्ध विधवा मां के साथ हुआ है।

मकान के लालच में मां को मृत बताकर उसका वारिस बन बेच दिया। वृद्धा ने छोटे बेटे व भाई के साथ माणक चौक थाने पहुंचकर थानाधिकारी को शिकायत दी है। पुलिस को वृद्धा के छोटे बेटे दिलीप सिंह सिसौदिया ने बताया कि वह देवास में एक कंपनी में कार्यरत है।

पिता महादेव सिंह का दिसंबर 2013 में निधन हो गया। मां शांति देवी (65) को परेशान कर बडे भाई सतीश सिंह व उनकी पत्नी शिवकुंवर ने घर से निकाल दिया। 

उसके बाद से मां देवास में साथ में रह रही है। अभी कुछ दिनों पहले पता चला कि वह सिलावटों का वास कुमावत धर्मशाला के पीछे स्थित मकान को बेच रहे हैं, जो मां के नाम है। जानकारी मिली कि भाभी शांति देवी ने मां को मृत बताया और स्वयं को उनकी बेटी बताकर मकान का इकरारनामा व मुख्तयार नामे पर बेचान कर दिया है। इसकी सूचना के बाद कागजात निकालकर पुलिस के पास मामला दर्ज कराने मां के साथ थाने पहुंचे।

कहा जिंदा हूं मैं 

थाने पहुंचकर मां शांति देवी ने कहा मैं जिदां हूं। जीवित में ही बहूं ने मृत घोषित  कर संपत्ति पर कब्जा कर लिया। बेटे के प्रति मां का अभी इतना मोह था कि वह कह रही थी कि यह काम सारा बहूं का है। बेटे ने कुछ नहीं किया। जबकि बेटे को पूरे मामले की जानकारी हुए बिना इतना बड़ा काम होना संभव नहीं है। 
पीहर से मिला था मकान

वृद्धा के भाई पूर्व पुलिस अधिकारी रणवीर सिंह ने बताया कि वष्ाü 1985 में सिलावटों के वास का मकान पिताजी ने खरीदा था। 

शिकायत प्राप्त हुई है, जांच कर रहे है

जिंदा वृद्धा को मृत घोषित कर बहू द्वारा मकान हथियाकर बेचान का मामला सामने आया है। जिसकी शिकायत थाने पर दी गई है। पुलिस उसमें जांच कर रही है। – सीबीएस चडार, थाना प्रभारी माणक चौक थाना

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