सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। यह निर्देश कलेक्टर श्री गोपालचंद्र डाड द्वारा समय सीमा पत्रों की समीक्षा बैठक में दिए गए। बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री गौरव तिवारी, अपर कलेक्टर श्रीमती जमुना भिड़े तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि सालाखेड़ी चौराहे पर कोई भी वाहन दुर्घटना नहीं हो, जान माल का नुकसान नहीं हो। इसके लिए एमपीआरडीसी के अधिकारी ट्रैफिक पुलिस के साथ कार्य योजना बनाकर रोकथाम के इंतजाम करें। अधिकारी स्पॉट पर जाएं और देखें कि किस प्रकार दुर्घटनाएं रोकी जा सकती हैं। एमपीआरडीसी के अधिकारी श्री मुले ने बताया कि सालाखेड़ी चौराहे पर ड्रम लगाकर वाहनों की गति धीमी करने का प्रयास किया गया है ताकि दुर्घटना नहीं हो। कलेक्टर ने कहा कि जहां जरूरत हो रतलाम शहर के साथ हाईवे पर रंबल स्ट्रिप लगाए जा सकते हैं। एमपीआरडीसी दुर्घटना संभावित स्थलों पर पर्याप्त प्रकाश का भी इंतजाम करें। इसके लिए सोलर लाइट सिस्टम भी लगाए जा सकते हैं। पुलिस अधीक्षक श्री गौरव तिवारी ने भी दुर्घटनाओं की रोकथाम के संबंध में आवश्यक सुझाव तथा निर्देश दिए।
बैठक में कलेक्टर द्वारा अन्य विभागों के कार्यों की योजनाओं की भी समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में लंबित शिकायतों के निराकरण की समीक्षा में निर्देशित किया कि अधिकारी संतुष्टिपूर्वक निराकरण करें। राजस्व विभाग के अधिकारी शिकायतकर्ता से चर्चा करें, उसके घर जाकर उससे बात करें उसकी संतुष्टि उपरांत ही फोर्स क्लोज किया जाए। कलेक्टर द्वारा राजस्व अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया गया कि सीएम हेल्पलाइन में शिकायतों के जवाब गुणवत्तायुक्त हो, निम्न श्रेणी जवाब नहीं लिखे जाएं। इस संबंध में आलोट तथा जावरा तहसील द्वारा द्वारा दिए गए उत्तरों पर नाराजगी व्यक्त की गई।
बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा कोरोना वैक्सीनेशन संबंधी जानकारी देते हुए बताया गया कि वर्तमान में जारी वैक्सीनेशन के तहत पुलिस विभाग के अधिकारियों, कर्मियों द्वारा सर्वाधिक वैक्सीनेशन करवाया जा चुका है जबकि राजस्व विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों की संख्या कम है। कलेक्टर द्वारा सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि राजस्व अमले को वैक्सीनेशन सेंटर पर ज्यादा ज्यादा संख्या में लाया जाकर वैक्सीनेशन करवाएं।