रतलाम | लोकसंत विजय जयंतसेन सूरीश्वरजी की निश्रा में जयंतसेन धाम में तीन दिनी जैन धर्म संसद में राष्ट्रीय संगोष्ठी शुक्रवार से शुरू होगी। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि प्रख्यात अर्थशास्त्री व ट्रस्टी ग्लोबल विपश्यना फाउंडेशन वल्लभ भंसाली व विशेष अतिथि कुलपति देवी अहिल्या विवि, इंदौर डॉ. नरेंद्र कुमार धाकड़ होंगे। वर्ल्ड जैन कंफेडरेशन व चेतन्य काश्यप फाउंडेशन द्वारा आयोजित संगोष्ठी में देश के ख्यातनाम विद्वान व शोधार्थी हिस्सा लेंगे। समापन 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस पर सर्वधर्म सभा के रूप में होगा।

राष्ट्रीय संगोष्ठी के संयोजक एल.डी. इंस्टीट्यूट ऑफ इंडोलॉजी के संचालक जितेंद्र भाई शाह (अहमदाबाद) ने बताया लोकसंत का रतलाम चातुर्मास ऐतिहासिक प्रसंग है। रतलाम में आचार्यदेव राजेंद्र सूरीश्वरजी की कालजयी कृति अभिधान राजेंद्र कोश का मुद्रण हुआ। इसी कड़ी में विजय जयंतसेन सूरीश्वरजी की निश्रा में राष्ट्रीय संगोष्ठी के रूप में जैन धर्म संसद का आयोजन किया जा रहा है।

शाह ने बताया शुक्रवार को उद्घाटन व प्रथम सत्र सुबह 10 बजे होगा। द्वितीय सत्र की अध्यक्षता डॉ. सागरमल जैन एवं तृतीय सत्र की अध्यक्षता डॉ. कमलेश कुमार जैन करेंगे। 1 अक्टूबर को दूसरे दिन चार सत्रों की अध्यक्षता डॉ. विजय जैन, डॉ. गीता मेहता, डॉ. जयकुमार जलज तथा प्रो. नरेंद्र भंडारी करेंगे। रात 8 बजे जैन कवि सम्मेलन आयोजन होगा। राज्य योजना आयोग उपाध्यक्ष चेतन्य काश्यप ने बताया संगोष्ठी में अभिधान राजेंद्र कोश, वर्तमान काल में जैन धर्म की प्रासंगिकता और जैन धर्म का विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट अवदान आदि विषयों पर देश के विभिन्न राज्यों से आए विद्वान शोध आलेख पढ़ेंगे। 2 अक्टूबर को सर्व-धर्म सभा के विशेष अतिथि चिंतक, अंतरराष्ट्रीय राजनीति विशेषज्ञ डॉ. वेदप्रताप वैदिक, मुख्य अतिथि संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री सुरेंद्र पटवा व विशेष अतिथि प्रख्यात कवि, लेखक एवं साहित्यकार अजहर हाशमी रहेंगे। अहिंसा दिवस पर आचार्य के लिखित साहित्य संग्रह ‘जयंतसेन वाड्मय’ का विमोचन होगा।

साध्वी राजयशाश्रीजी के दीर्घ तप मासक्षमण का हुआ पारणा

लोकसंत की आज्ञानुवर्ती व साध्वी स्नेहलताश्रीजी की सुशिष्या राजयशाश्रीजी के 31 उपवास (मासक्षमण) का पारणा गुरुवार को हुआ। साध्वी के सांसारिक परिजन रमेश भाई लक्ष्मीचंद भंडारी सियाणावाला (बेंगलुरु) सहित करवड़, अहमदाबाद, खाचरौद आदि नगरों के श्रीसंघ प्रतिनिधियों ने उपस्थित होकर तप अनुमोदना की। मासक्षमण तपस्वी सुनील पालरेचा गजनीखेड़ीवाला ने भी लोकसंत से प्रत्याख्यान लिए। दादा गुरुदेव की आरती का लाभ कांतिलाल राजकमल रितिक दुग्गड़ परिवार ने लिया।

By parshv