रतलाम के मजदूरों पर जब विपदा आई तो श्रमिकों ने ऐसा जयघोष किया कि राजनीति पीछे छूट गई और सभी पार्टी के नेता राजनीति छोड़ एक हो गए। इन सबके प्रयास से आज 18 साल बाद मजदूर के घर दिवाली आई है, इसलिए सभी को शुभकामनाएं। हमारे देश का संस्कार है कि पहली बार जब बहन घर आती है तो भाई संस्कार का परिचय देते हैं। भाई देते हैं, मांगते नहीं। आज संघर्ष समिति ने कहा- मंत्राणीजी आई हैं, शहर और प्रदेश के उद्योग धंधे शुरू करवाएं। प्रदेश सरकार इन्वेस्टर मीट कर रही है। हमारा प्रयास है टेक्सटाइल मैन्युफैक्चरिंग उद्योग प्रदेश में खोलने में केंद्र सरकार मदद करेगी।
यह बात केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने बंद सज्जन मिल के 1761 श्रमिकों को 7.15 करोड़ रुपए का लाभ देने के लिए शनिवार को होटल बालाजी में आयोजित कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा जो 18 साल में नहीं हुआ, उसके लिए शायद रतलाम को भी नरेंद्र मोदी सरकार का ही इंतजार था। आज ऐेतिहासिक क्षण है भाजपा-कांग्रेस के नेता एक मंच पर बैठे हैं। संघर्ष समिति सबका सम्मान कर रही है। नेता एक चुनाव से दूसरे चुनाव तक संघर्ष करता है लेकिन आपने 18 साल संघर्ष किया। श्रमिकों ने इतने धैर्य का परिचय दिया उन्हें नमन करती हूं। महापौर डॉ. सुनीता यार्दे ने भी संबोधित किया। चेक का मॉडल इंडियन ओवरसीज बैंक भोपाल के मैनेजर विजय कुमार को मंत्री ईरानी ने दिया। मंच पर टेक्सटाइल आयुक्त कविता गुप्ता गुप्ता, भाजपा जिलाध्यक्ष बजरंग पुरोहित, कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रभु राठौर, भारतीय मजदूर संघ अध्यक्ष मधु पटेल, इंटक अध्यक्ष अर्जुनलाल निमावत, मजदूर यूनियन अध्यक्ष विनोद जाधव मौजूद थे। संचालन आशीष दशोत्तर ने किया।
िनगम में 20 महिलाओं को सिलाई मशीन दी
मप्र हस्तकरघा निगम ने अजा, अजजा की 20 महिलाओं को सिलाई मशीन दी। कस्तूरबानगर में संचालित अपेरल ट्रैनिंग सेंटर के संचालक पुरुषोत्तम पुरोहित मौजूद थे।
1986 में छोड़ी थी नौकरी राशि वितरण में नहीं आया नाम
श्रमिक मोहनलाल मौर्य ने बताया मां की बीमारी के चलते 1986 में मिल छोड़ दिया था लेकिन उसका नाम रुपए मिलने वालों की सूची में नहीं आया। श्रमिक नेताओं का कहना है जो मिल बंद होने से पहले काम छोड़ चुके थे, उन्हें लाभ नहीं दिया है।
190 मजदूरों को तलाश कर रहे फॉर्म भरने के लिए
इंटक अध्यक्ष अर्जुनलाल निमावत ने बताया अभी 190 श्रमिक ऐेसे हैं जो अभी तक ट्रैस नहीं हो रहे हैं। उन्हें तलाश किया जा रहा है ताकि उनके फॉर्म भरवाकर उन्हें भी लाभ दिया जा सके।
कार्यक्रम लेट होने से खराब हो गई भोजन पैकेट में रखी सब्जी
चेक वितरण समारोह में आए मजदूरों के लिए भोजन के पैकेट तैयार किए गए थे। सुबह तैयार पैकेट शाम 5 बजे बांटे गए। तब तक सब्जी खराब चुकी थी। पूडी, गुलाब जामुन की स्थिति भी खराब थी। इससे ज्यादातर महिलाओं ने पैकेट लौटा दिए अथवा लेने के बाद फेंक दिए। कस्तूरबानगर निवासी नर्मदा राठौर ने बताया सब्जी से दुर्गंध आ रही है। यह खाएंगे तो बीमार हो जाएंगे। भगतसिंहनगर की कविता राठौर ने बताया खराब खाना कैसे खाएं। टैगोर कॉलोनी की बिंदु मेहता का कहना था भोजन के पैकेट बांटने के पहले चैक करने चाहिए थे।
वृद्ध मजदूरों के सम्मान के लिए भाजपा नेता पुलिस से भिड़े
केंद्रीय मंत्री ईरानी के मंच पर जाने के कुछ ही देर बाद मंच के सामने वाले गेट के बाहर भाजपा नेता पुलिसकर्मियों से भिड़ गए। यूं हुआ कि अंदर जाने को लेकर पुलिसकर्मी मिल बुजुर्ग श्रमिकों के साथ अभद्रता कर रहे थे। बाहर कुर्सियों पर बैठे पूर्व आरडीए अध्यक्ष विष्णु त्रिपाठी, पूर्व निगम अध्यक्ष व पूर्व एमआईसी सदस्य पवन सोमानी व भाजपा नेता भड़क गए। जवानों से बोले इनका कार्यक्रम है, ढंग से व्यवहार करो। पुलिसकर्मियों व नेताओं के बीच लगभग 5 से 7 मिनट तक बहस हुई। पुलिस अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ।
4.38 करोड़ से अधिक का चेक दिया, बाकी बाद में देंगे
1761 श्रमिकों के लिए 7 करोड़ 15 लाख रुपए स्वीकृत हुए हैं। कार्यक्रम में चेक 4,38,90,410 रुपए का दिया। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रमोद गुगालिया, शहर अध्यक्ष विनोद मिश्रा, ब्लॉक अध्यक्ष मंसूर अली ने आरोप लगाया कम राशि का चेक दिया, प्रचार 7 करोड़ से ज्यादा का किया। इंटक अध्यक्ष अर्जुनलाल निमावत ने कहा कि सरकार ने राशि पूरी स्वीकृत की है लेकिन अभी अलॉटमेंट कम का आया है। इंडियन ओवरसीज बैंक शाखा के प्रबंधक एमके मीणा ने बताया हमें 1096 श्रमिकों की ही लिस्ट मिली है।
गारमेंट उद्योग लाने में सहयोग करें
सज्जन मिल की 58 बीघा जमीन है। यह बेशकीमती है। इस पर गारमेंट उद्योग शुरू किया जा सकता है। इसमें केंद्र सरकार का मंत्रालय सहयोग करे ताकि क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिल सके। भाजपा की प्रदेश और केंद्र सरकार का मूलमंत्र है कि लोगों की सेवा के काम जल्दी पूरे किए जाएं।- चेतन्य काश्यप, विधायक व मप्र राज्य योजना आयोग उपाध्यक्ष
सर्टिफिकेट नहीं दिया इसलिए देरी हुई
श्रमिकों के लिए राशि तीन साल पहले ही स्वीकृत हो जाती है लेकिन राज्य सरकार ने 25ओ सर्टिफिकेट नहीं दिया। राज्य सरकार ने सर्टिफिकेट देने में देरी की इसलिए रुपए मिलने में दूरी हुई। –कांतिलाल भूरिया, सांसद, रतलाम-झाबुआ
संघर्ष समिति ने भूखे रहकर लड़ाई लड़ी है
संघर्ष समिति के सदस्यों ने वर्षों तक लड़ाई लड़ी है। कई बार भूखे रहना पड़ा। मैंने भी 11 दिन अनशन किया था। सभी ने राजनीतिक भेदभाव भूलकर काम किया। यह किसी की मेहरबानी नहीं। -हिम्मत कोठारी, मप्र राज्य वित्त आयोग अध्यक्ष
संघर्ष के दौरान 400 की हो चुकी है मृत्यु
श्रमिकों को रुपया दिलाने के 18 साल के संघर्ष में 400 श्रमिकों की मौत हो गई। उनके परिवार को भी रुपया दिलाया गया है। इसमें 18 महीने का वेतन दिया गया है। एक श्रमिक को 25 से 35 हजार रुपए तक मिलेंगे। इसमें सभी राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधियों ने मिलकर काम किया है।- सुल्तानसिंह शेखावत, अध्यक्ष- मप्र असंगठित कामगार कल्याण बोर्ड
हमारी सरकार ने सभी कर्मचारियों का मिनिमम वेज 42 फीसदी बढ़ाया है। 1 रुपए में 2 लाख रुपए का प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा किया जा रहा है। एक कप चाय से भी सस्ती मासिक किश्त है। – दिल्ली की छात्रा मेरे साथ आई हैं, मैंने उससे कहा था यदि देश का दिल देखना है तो रतलाम चलें।