जिले में इंटरनेट सेवा बंद होने का असर छात्रों के रजिस्ट्रेशन और पंजीयन पर हुआ। शहर में 2060 सीटों पर एडमिशन होना है लेकिन अभी तक कॉलेज में मात्र 582 छात्र-छात्राएं ही वेरिफिकेशन के लिए पहुंचे। जो छात्र अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करवा सके हैं उन्हें अब 24 जून को दूसरे चरण में अतिरिक्त शुल्क देकर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।

मंदसौर में किसानों की मौत के बाद भड़के आंदोलन को देखते हुए सरकार ने चार जिलों की इंटरनेट सेवा को 6 से 10 जून तक के लिए बंद कर दिया था। इसका असर कॉलेज में प्रवेश लेने वाले छात्रों पर हुआ। कॉलेज में प्रवेश प्रकिया चल रही है। रजिस्ट्रेशन के लिए विभाग ने अंतिम तारीख 10 जून निर्धारित की थी। इस दौरान इंटरनेट बंद होने से कई छात्रों के रजिस्ट्रेशन नहीं हो सके। अभी तक सरकारी कॉलेजों में मात्र 582 आवेदन वेरिफिकेशन के लिए आए हैं। इनमें कॉमर्स कॉलेज में 111, गर्ल्स कॉलेज में 191 व शासकीय कला व विज्ञान महाविद्यालय में 280 फॉर्म वेरिफाई किए गए। कॉलेज प्राचार्यों के अनुसार अभी तक अाए फॉर्म पिछले साल की तुलना में बहुत कम हैं। दस्तावेज वेरिफिकेशन की अंतिम तारीख 13 जून है। वेरिफिकेशन के बाद 19 जून को पहली प्रवेश सूची भोपाल उच्च शिक्षा विभाग से जारी की जाएगी।

कॉलेज में नारेबाजी करते छात्र।
कॉलेज छात्रों ने सोमवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बैनर तले शासकीय कला व विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. संजय वाते को ज्ञापन दिया। इसमें बताया उच्च शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की तारीख 25 मई से 10 जून तक निश्चित की थी। रजिस्ट्रेशन लिंक 3 जून को चालू हुई। इसके बाद किसान आंदोलन के कारण इंटरनेट बंद होने से कई छात्र प्रथम चरण में रजिस्ट्रेशन व वेरिफिकेशन नहीं करवा पाए। द्वितीय चरण में विद्यार्थियों को रजिस्ट्रेशन के लिए अतिरिक्त शुल्क देना होगा। विद्यार्थियों ने अंतिम तारीख बढ़ाने, छात्रों से अतिरिक्त शुल्क नहीं लेने, प्रवेश प्रक्रिया सरल करने की मांग की है। जिला संयोजक जगदीश पाटीदार, जिला सहसंयोजक शुभम चौहान, चिरंजीत सिंह, नरेंद्र सिंह, कृतिका पाठक आदि मौजूद थे।

1000 का हो जाता पंजीयन
शहर में कॉमर्स कॉलेज की 720 सीटों, गर्ल्स कॉलेज की 880 सीटों व शासकीय कला व विज्ञान महाविद्यालय की 1020 सीटों पर एडमिशन होना है। इनके लिए 582 आवेदन आ चुके हैं। प्राचार्यों की माने तो प्रत्येक कॉलेज में अभी तक 1 हजार से ज्यादा पंजीयन हो जाने चाहिए थे।