भारत में कई धर्मो को मानने वाले लोग रहते है। जिनमे में से एक धर्म है- हिंदू धर्म। इस धर्म में अनेक रीति-रिवाज, परंपराएं है जो दुनिया भर के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। यह एक ऐसा धर्म है जिसमें अनेक जातियां, उपजातियां है। जिसमें अपने रिवाज, खान-पान औप परंपराएं है। ब्राह्मण समाज इन्ही में से एक समाज है।
भगवान का दूसरा रुप:
ब्राह्मण समाज को हिन्दु समाज में सबसे पवित्र माना जाता है। इनकी पूजा की जाती है। इन्हें भगवान का दूसरा रुप माना जाता है। घर में किसी भी तरह की पूजा-पाठ हो, तो इनको ही बुलाया जाता हैं। इन्हे शास्त्रों का ज्ञाता माना जाता हैं। इनका जीवन बहुत ही सात्विकता से बीतता है।
ब्राह्मण नहीं खाते प्याज लहसुन:
ब्राह्मण लोग लहसुन और प्याज का सेवन क्यों नहीं करते हैं। इसके पीछे क्या कारण हैं। इसके पीछे शास्त्रों, आयुर्वेद और वैज्ञानिक अपना-अपना मत कहते है। आज हम आपको अपनी खबर में इससे जुडे कुछ पहलुओं के बारे में बताएंगे कि आखिर ब्राह्मण लहसुन और प्याज से परहेज क्यों करता है?
क्या है प्याज लहसुन नहीं खाने का कारण:
आयुर्वेद के अनुसार: ब्राह्मण लोग लहसुन और प्याज अंहिसा के चलते नहीं खाते है, क्योंकि यह सब पौधे राजसिक और तामसिक रूप में बंटे हुए है। जिनका मतलब है कि जुनून और अज्ञानता में वृद्धि करते है। क्योंकि यह जमीन पर कई जीवाणुओं की मौत का कारण बनते है।
सनातन धर्म के अनुसार: प्याज और लहसुन जैसी सब्जियां प्रकृति प्रदत्त भावनाओं में सबसे निचले दर्जे की भावनाओं जैसे जुनून, उत्तजेना और अज्ञानता को बढ़ावा देती हैं, जिस कारण अध्यात्मक के मार्ग पर चलने में बाधा उत्पन्न होती हैं और व्यक्ति की चेतना प्रभावित होती है।
शास्त्रों के अनुसार: इसके अनुसार माना जाता है कि लहसुन, प्याज और मशरूम ब्राह्मणों को खाना मना है, क्योंकि आमतौर पर ये अशुद्धता बढ़ाते हैं और अशुद्ध खाद्य की श्रेणी में आते हैं। ब्राह्मणों को पवित्रता बनाए रखने की जरूरत होती है, क्योंकि वे देवताओं की पूजा करते हैं जोकि प्रकृति में शुद्ध होते हैं।