पूजा के समय ‘दीपक’ जलाना आवश्यक बताया गया है. पंडित कहते हैं कि अगर सही तरीके से दीपक जलाए जाएं तो देव प्रसन्न होते हैं. शास्त्रों में भी दीपक जलाने के महत्व को बताया गया है. आप भी जानिए वो बातें, जिन्हें आपको दीपक जलाते हुए ध्यान रखना होगा…
– दीपक साफ हो और कहीं से टूटा ना हो. किसी भी पूजा में टूटा दीपक रखना वर्जित माना गया है.
– दीपक इस तरह से जलाएं कि पूजा के बीच बुझे नहीं और काफी समय तक जलता रहे. अगर पूजा के बीच दीपक बुझ जाता है तो उसे अशुभ समझा जाता है.
– केवल घी या तेल का ही दीपक जलाएं. कुछ पंडित ये भी बताते हैं कि घी का दीपक जलाने के तुरंत बाद तेल का दीपक नहीं जलाना चाहिए.
– शास्त्रों में घी के दीपक को सर्वश्रेष्ठ बताया गया है क्योंकि घी को शुभ माना गया है.
– पूजा के बाद भी कई घंटों तक दीपक जलते रहना शुभ माना जाता है, इसलिए दीपक में अच्छी मात्रा में तेल या घी डालें.
क्यों महत्वपूर्ण है दीपक जलाना
ऐसा माना गया है कि दीपक ही मनुष्य को अंधकार के जंजाल से उजाले की किरण की ओर ले जाता है. शास्त्रों के अनुसार, पूजन में पंचामृत का बहुत महत्व है और घी उन्हीं पंचामृत में से एक है, इसीलिए घी का दीपक जलाने को उत्तम कहा गया है. घी वाला दीपक बुझने के बाद चार घंटे से भी ज्यादा समय तक सात्विक ऊर्जा बनाए रखता है. ज्योतिष के अनुसार दीपक को सकारात्मकता का प्रतीक और दरिद्रता दूर करने वाला माना जाता है.