गुरुवार के दिन जगत के पालनकर्ता और त्रिदेवों में से एक भगवान श्री हरि विष्णु की अराधना की जाती है. इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने वाले व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
लेकिन अगर आप तनाव में रहते हैं और इससे निकलने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है तो श्री हरि की शरण लें.
श्री हरि के एक मंत्र का जाप आपके तनाव के स्तर को कम कर सकता है.
भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए खासतौर पर विष्णु गायत्री मंत्र महामंत्र माना गया है. क्योंकि जगतजननी गायत्री की 24 देवशक्तियों में भगवान विष्णु एक हैं.
इसके स्मरण मात्र से सारे कार्य बाधा, दु:ख व संताप दूर हो जाते हैं. जानिए यह विष्णु गायत्री मंत्र और विष्णु पूजा की आसान विधि…
स्नान के बाद घर के देवालय में पीले या केसरिया वस्त्र पहन श्रीहरि विष्णु की प्रतिमा को गंगाजल स्नान के बाद केसर चंदन, सुगंधित फूल, तुलसी की माला, पीताम्बरी वस्त्र कलेवा, फल चढ़ाकर पूजा करें. भगवान विष्णु को केसरिया भात, खीर या दूध से बने पकवान का भोग लगाएं.
धूप व दीप जलाकर पीले आसन पर बैठ तुलसी की माला से नीचे लिखे विष्णु गायत्री मंत्र की 1, 3, 5, 11 माला का पाठ यश, प्रतिष्ठा व उन्नति की कामना से करें…
ऊँ नारायणाय विद्महे।
वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
पूजा व मंत्र जप के बाद विष्णु धूप, दीप व कपूर आरती कर देव स्नान कराया जल यानी चरणामृत व प्रसाद ग्रहण करें.