आज गुरूवार है और आज के दिन साईं बाबा की पूजा की जाती है। आज हम आपको बताएंगे कुछ ऐसे उपाय जिसे अपनाकर आप साईं बाबा को खुश कर सकते हैं।
1. शिरडी वाले साईं बाबा
‘शिरडी वाले साईं बाबा’… यह लफ़्ज़ अपनी ज़ुबां पर लेते हुए भक्त बाबा के दर्शन करने के लिए दौड़े चले जाते हैं। साईं बाबा के दुनिया के कोने-कोने में लाखों-करोड़ो भक्त हैं। बाबा के संदर्भ में ऐसा माना जाता है कि वे अपने दर पर आए हर एक भक्त की मुराद पूरी करते हैं।
2. भक्त की मुराद पूरी करते हैं बाबा
जो भी सच्चे मन से बाबा से मन्नत मांगता है, बाबा उसकी झोली में खुशियां भर देते हैं। यूं तो रोज़ाना ही भक्त बाबा से इच्छापूर्ति के लिए मुरादें मांगते हैं, लेकिन खासतौर पर गुरुवार के दिन भक्त बाबा से दिल खोलकर दुआएं मांगते हैं।
3. गुरुवार एवं शुक्रवार को बाबा की पूजा करें
ऐसी मान्यता है कि बाबा स्वयं भक्तों को गुरुवार एवं शुक्रवार को आराधना करने की सलाह देते थे। बाबा के अनुसार गुरुवार का दिन हिन्दू धर्म में पवित्र माना जाता है तथा शुक्रवार का दिन इस्लाम में एक पाक दिन है, जिस दिन मुस्लिम नमाज़ पढ़ते हैं। बाबा के अनुसार अल्लाह को शुक्रवार का दिन सबसे प्रिय है, इसलिए इस दिन पूरे मन से दुआ मांगनी चाहिए।
4. बाबा का एकेश्वरवाद सिद्धांत
बाबा ने हमेशा ही एकेश्वरवाद को बढ़ावा दिया, भक्तों ने उनके मुख से हरदम ‘सबका मालिक एक’ जैसे लफ़्ज़ सुने। इस आधार से वे सभी दिनों को एक बराबर ही मानते थे, लेकिन भक्तों की श्रद्धा देखते हुए उन्होंने गुरुवार के दिन प्रभु की आराधना को अधिक महत्व दिया। इसलिए आज भक्त इस दिन पूजा-पाठ एवं व्रत रखकर बाबा से अनेक मुरादें मांगते हैं।
5. बाबा के नाम का व्रत
इस दिन लोग बाबा को खुश रखने के लिए पूर्ण विधि-विधान के साथ व्रत रखते हैं। कहते हैं कि साईं बाबा व्रत को कोई भी साधारण इंसान कर सकता है। यहां तक कि बच्चे भी इस व्रत को आसानी से कर सकते हैं क्योंकि बाबा अपने भक्तों की भूल को जल्द ही माफ कर देते हैं।
6. गुरुवार को रखें व्रत
ऐसी मान्यता है कि साईं बाबा व्रत एक बार शुरू करने के बाद नियमित रूप से 9 गुरुवार तक किया जाना चाहिए, तभी फलदायी साबित होता है। लेकिन फिर भी ऐसा माना जाता है कि बाबा अपने भक्तों की एक पुकार पर भी उनकी इच्छा पूरी कर देते हैं।
7. व्रत रखने की विधि
बाबा के व्रत को रखने की विधि बेहद आसान है। इसके लिए प्रात: स्नान करने के बाद साईं बाबा की फोटो की पूजा की जाती है। बाबा की फोटो लगाने के लिए पीले रंग का वस्त्र बिछाया जाता है और उनकी फोटो पर फूलों की माला भी चढ़ाई जाती है। बाबा की फोटो को स्वच्छ पानी से पोछ कर इस पर चंदन का तिलक भी लगाया जाता है।
8. बाबा की फोटो
इसके बाद बाबा की फोटो के सामने अगरबती और दीपक जलाकर साईं व्रत की कथा पढ़नी चाहिए और साईं बाबा का स्मरण करना चाहिए। इसके बाद बेसन के लड्डू या फिर किसी भी मिठाई का प्रसाद बाबा को भोग लगाकर सब में बांटा जाता है।
9. बाबा के व्रत में भूखे नहीं रहना चाहिए
अन्य व्रत की तरह बाबा के व्रत में भूखे नहीं रहना होता। इस व्रत को फलाहार ग्रहण करके किया जा सकता है, या फिर रात्रि के समय में भोजन करके किया जा सकता है। इस व्रत में कुछ न कुछ खाना जरूरी है, भूखे रहकर इस व्रत को नहीं किया जाता है। लेकिन व्रत के अलावा ऐसे और कौन से तरीके हैं, जिनसे आप बाबा को प्रसन्न करके अपने मन की इच्छा पूरी कर सकते हैं, जानें आगे की स्लाइड्स में:
10. बाबा को प्रसन्न करने का पहला तरीका
बाबा के परम भक्तों को बाबा की पसंद एवं नापसंद की सारी जानकारी होती है। बाबा कभी भी किसी के साथ होने वाला अन्याय बर्दाश्त नहीं करते थे। वे कभी नहीं चाहते थे कि उनका कोई भी भक्त भूखे पेट सोए। अपने भक्तों को दुखी देखकर वे स्वयं भी दुख में लीन हो जाते थे।
11. बाबा की पसंद ‘पालक’
लेकिन बाबा को क्या पसंद है, इसकी भी जानकारी आपको अवश्य होनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि साईं बाबा को ‘पालक’ बेहद पसंद है, इसलिए भक्त गुरुवार के दिन बाबा को पालक का चढ़ावा चढ़ाते हैं। बाबा को प्रसन्न करने का दूसरा तरीका है उन्हें कुछ मीठा अर्पित करना।
12. दूसरा तरीका
अक्सर बाबा के भक्त बाबा को मिठाई में हलवा चढ़ाते हैं, इसके अलावा बाबा को खिचड़ी भी अर्पित की जाती है। भक्त उन्हें खाद्य पदार्थ को चढ़ाते हुए एक बात का जरूर ध्यान रखते हैं कि इन सभी में नारियल का इस्तेमाल जरूर हो। क्योंकि नारियल बाबा को बहुत पसंद है।
13. ऐसे होंगी मनोकामनाएं पूर्ण
मीठे के अलावा बाबा को मीठे फल भी बेहद पसंद हैं। यदि आप गुरुवार के दिन पूजा करने के बाद बाबा को मीठे एवं ताज़े फल अर्पित करेंगे तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
14. फूलों की माला
इसके साथ ही ऐसा माना जाता था कि बाबा फूलों के प्रति बेहद लगाव रखते थे। वे अपने आसपास रंग-बिरंगे फूलों को देखकर बेहद प्रसन्न होते थे। फूल चाहे कोई भी हो, बस बाबा उन्हें देखकर खुश हो जाते थे। इसलिए भक्त गुरुवार के दिन बाबा को रंग-बिरंगे फूलों की माला अर्पित करते हैं।