भारत के कार्यवाहक कप्तान विराट कोहली ट्राई सीरिज में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए मैच में वैसा संयम कायम नहीं रख पाए, जैसा नियमित कप्तान महेंद्र सिंह धोनी रखते हैं। इसका नुकसान भारतीय टीम को इस मैच में हारकर चुकाना पड़ा। इस मैच में धोनी चोटिल होने के बाद फील्डिंग करने नहीं आए थे।भारत के कार्यवाहक कप्तान विराट कोहली ने स्वीकार किया कि वेस्टइंडीज क…
भारत के कार्यवाहक कप्तान विराट कोहली ट्राई सीरिज में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए मैच में वैसा संयम कायम नहीं रख पाए, जैसा नियमित कप्तान महेंद्र सिंह धोनी रखते हैं। इसका नुकसान भारतीय टीम को इस मैच में हारकर चुकाना पड़ा। इस मैच में धोनी चोटिल होने के बाद फील्डिंग करने नहीं आए थे।भारत के कार्यवाहक कप्तान विराट कोहली ने स्वीकार किया कि वेस्टइंडीज के खिलाफ रोमांचक मैच में टेंशन भरे क्षणों में उन्हें महेंद्र सिंह धोनी की बड़ी कमी खली। वेस्टइंडीज ने यह मैच एक विकेट से जीता। धोनी बल्लेबाजी के दौरान ऐंठन और मांसपेशियों में खिंचाव से परेशान रहे थे।जब कैरेबियाई टीम 230 रन का लक्ष्य हासिल करने के लिये उतरी तो भारतीय कप्तान क्षेत्ररक्षण के लिये नहीं आये। हालांकि ऐसा अनुमान नहीं था कि धोनी फील्डिंग के लिए मैदान में नहीं आएंगे। इसलिए मैदान में कप्तानी की कमान विराट कोहली को संभालनी पड़ी, लेकिन वे प्रेशर नहीं झेल पाए। हर से निराश कोहली ने मैच के बाद कहा, ”कभी ऐसा समय आता है जब आप दबाव में होते हो और आपको उसकी (धोनी) कमी खलती है, क्योंकि वह दबाव में भी शांत बना रहता है।”ट्राई सीरीज के इस पहले मैच में भारत प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा। भारतीय टीम जब बल्लेबाजी कर रही थी, तो ऐसा लगा ही नहीं कि यह विश्व की नंबर वन वनडे टीम है जो पिछले दिनों विश्व की दिग्गज टीमों का पछाड़ कर चैंपियंस ट्रॉफी जीती है। भारतीय बल्लेबाज इस मैच में 50 ओवर में 229 रन ही बना पाई जो मेजबान टीम के लिए बेहद आसान टारगेट था। कोहली ने कहा कि जब वेस्टइंडीज बल्लेबाजी कर रहा था तो विकेट के मिजाज में काफी बदलाव आ गया था। उन्होंने कहा, ”विकेट दूसरी पारी में जिस तरह से खेल रहा था उसे देखते हुए हमारा स्कोर पर्याप्त नहीं था। सुबह विकेट का मिजाज पूरी तरह से भिन्न था। इसमें नमी थी लेकिन बाद में यह बल्लेबाजी के लिये बेहतर बन गया।”कोहली ने टीम को मैच में बनाये रखने के लिये गेंदबाजों की तारीफ की, लेकिन उन्हें लगता कि भाग्य ने साथ नहीं दिया, क्योंकि फील्डिंग में कुछ गलतियां हुईं, कुछ कैच छूटे। उन्होंने कहा, हमने अधिक से अधिक विकेट लेने की कोशिश की। एक दो अवसरों पर बल्ले का किनारा लेकर गयी गेंद यदि कैच कर ली जाती तो अंतर पैदा हो सकता था।अगर भारत का स्कोर 250 रनों के आसपास होता, तो वेस्टइंडीज को काफी मुश्किल हो सकती थी। लेकिन भारतीय बल्लेबाज वेस्टइंडीज के गेंदबाजों के सामने काफी लचर स्थिति में नजर आए। शिखर धवन और विराट कोहली 11-11 रन बनाकर आउट हो गए। सिर्फ रोहित शर्मा ने अच्छी अर्द्धशतीक पारी ख्ोली जिसके दम पर भारत एक सम्मानजनक स्कोर बना पाया।वहीं धोनी की कमी भी फील्डिंग करते वक्त भारतीय टीम को खली। विराट कोहली ने इस मैच में धोनी की जगह संभाली, लेकिन वह फेल रहे। इसलिए कहा जा सकता हे कि विराट कोहली को अभी धोनी से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है।