ज़िम्बाब्वे पहुंची टीम इंडिया, कोहली एंड कंपनी की परीक्षा

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ज़िम्बाब्वे पहुंच चुके हैं जाबाज़ और कोहली की कप्तानी में बुधवार से टीम इंडिया खेलने उतरेगी 5 वनडे मुकाबलों की सीरीज। निश्चित तौर पर बिना कप्तान धोनी के यह सीरीज़ यंगिस्तान के लिए बड़ा टेस्ट है।बिना कप्तान धोनी की टीम इंडिया पहुंची चुकी है अफ्रीकन सफारी पर ज़िम्बाब्वे से दो-दो हाथ के लिए। चैम्पियंस ट्रॉफ़ी और ट्राई सीरीज़ जीतने के बाद कुछ दिन आराम…

ज़िम्बाब्वे पहुंच चुके हैं जाबाज़ और कोहली की कप्तानी में बुधवार से टीम इंडिया खेलने उतरेगी 5 वनडे मुकाबलों की सीरीज। निश्चित तौर पर बिना कप्तान धोनी के यह सीरीज़ यंगिस्तान के लिए बड़ा टेस्ट है।बिना कप्तान धोनी की टीम इंडिया पहुंची चुकी है अफ्रीकन सफारी पर ज़िम्बाब्वे से दो-दो हाथ के लिए। चैम्पियंस ट्रॉफ़ी और ट्राई सीरीज़ जीतने के बाद कुछ दिन आराम करके तरोताज़ा होकर ब्लू ब्रिगेड का कारवा पहुंचा चुका है हरारे जहां पर यंग टीम लिखना चाहेगी जीत की इबारत। पहली बार पूरे दौरे पर कोहली की कप्तानी में खेल रही टीम इंडिया जीत से कम कुछ नहीं चाहेगी। ज़िम्बाब्वे में टीम इंडिया को 5 वनडे मुकाबले की सीरीज़ खेलनी है जिसका पहला मुकाबला 24 जुलाई को हरारे में होगा। शुरुआती मुकाबले हरारे में ही होंगे और फिर 31 जुलाई और 3 अगस्त को टीम इंडिया का बुलवाओ में ज़िम्बाब्वे से भिड़ेगी। जाहिर है वनडे में नंबर वन टीम भारत पाचों वनडें में कमज़ोर ज़िम्ब्बावे को शिकस्त देना चाहेगा।यंग बनेंगे दबंग!ज़िम्बाब्वे गई टीम इंडिया के सामने कई चैलेंज हैं और सबसे बड़ा चैलेंज है युवा खिलाड़ियों के सामने। टीम कितनी युवा है इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि टीम की औसत उम्र महज़ 26 साल है। टीम के सबसे उम्रदराज़ खिलाड़ी अमित मिश्रा सिर्फ 30 साल के है और सबसे युवा जयदेव उन्दकत की उम्र 21 है। टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ी सुरेश रैना है जिन्होंने 169 वनडे मुकाबले खेले हैं। हालांकि कप्तान कोहली को नहीं लगता है कि अनुभव की कमी टीम की जीत के आड़े आएगी।आसान नहीं ज़िम्बाब्वे में जीतकुछ इस तरह की युवा खिलाड़ियों के साथ ही टीम इंडिया तीन साल पहले ज़िम्बाब्वे वनडे ट्राई सीरीज़ खेलने गई थी लेकिन साल 2010 की इस ट्राई सीरीज़ में सुरेश रैना की कप्तानी में टीम फाइनल तक नहीं पहुंच पाई थी। खास बात यह थी कि इस सीरीज़ में भारत को दोनों लीग मुकाबलों में ज़िम्बाब्वे ने शिकस्त दी थी। ज़िम्बाब्वे में खेली 3 द्विपक्षीय सीरीज़ में से 2 भारत ने जीती है और एक बार ज़िम्बाब्वे ने भारत को शिकस्त दी है जबकि ज़िम्बाब्वे से उसी की ज़मी पर खेले 12 में से 8 मुकाबले में भारत के नाम रहे हैं और 4 बार ज़िम्बाब्वे ने मारी है बाज़ी। जाहिर जिम्बाब्वे की टीम भले ही कमज़ोर हो लेकिन युवा टीम टेलर की टीम को हल्के में नहीं ले सकती।