करीब 3 घंटे से भी ज्यादा चेन्नई में बीसीसीआई की बैठक चली। आखिरकार श्रीनिवासन की ही चली। वो अपना पद नहीं छोड़ेंगे। हां, डालमिया को काम पर जरूर लगा दिया गया है। सबसे अहम तो ये कि बिंद्रा को छोड़कर किसी ने भी श्रीनिवासन से इस्तीफा भी नहीं मांगा। अब बिंद्रा के इस दावे को भी श्रीनिवासन ने गलत बताया है। BCCI की बैठक में श्रीनिवासन ने मुद्दे की जानकारी द… करीब 3 घंटे से भी ज्यादा चेन्नई में बीसीसीआई की बैठक चली। आखिरकार श्रीनिवासन की ही चली। वो अपना पद नहीं छोड़ेंगे। हां, डालमिया को काम पर जरूर लगा दिया गया है। सबसे अहम तो ये कि बिंद्रा को छोड़कर किसी ने भी श्रीनिवासन से इस्तीफा भी नहीं मांगा। अब बिंद्रा के इस दावे को भी श्रीनिवासन ने गलत बताया है। BCCI की बैठक में श्रीनिवासन ने मुद्दे की जानकारी दी मगर किसी भी सदस्य ने श्रीनिवासन का इस्तीफा नहीं मांगा, हां बिंद्रा ने जरूर कहा कि उन्होंने श्रीनिवासन का इस्तीफा मांगा है। इसके बाद श्रीनिवासन ने खुद अजय शिर्के और संजय जगदाले को वापस लाने की बात कही।जेटली ने कहा कि मयप्पन समेत तीन खिलाड़ियों ने क्रिकेट की साख पर बट्टा लगाया है। जेटली ने ये भी कहा कि श्रीनिवासन को अलग रखकर जगदाले और शिर्के को वापस लाया जाए। सदस्यों ने श्रीनिवासन से पूछा कि क्या उन्हें सट्टेबाजी की पहले से खबर थी? इस पर श्रीनिवासन ने कहा कि अगर उनके दामाद ने गलती की है, तो उन्हें क्यों सजा मिले?इसके बाद अरुण जेटली का नाम वर्किंग प्रेसीडेंट के लिए आगे आया। मगर जेटली ने डालमिया और शशांक मनोहर का नाम आगे कर दिया। सदस्यों ने मनोहर के नाम पर ऐतराज किया, क्योंकि वो बोर्ड से बाहर हैं। आखिरकार तय हुआ कि श्रीनिवासन पद नहीं केवल जिम्मेदारी से अलग रहेंगे। साथ ही शिर्के और जगदाले को वापस लाया जाएगा और सबसे अहम यह कि डालमिया जांच पूरी होने तक वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष के तौर पर रोजमर्रा का काम देखेंगे।