ऑस्ट्रेलिया के टेरी वाल्श भारतीय पुरुष हॉकी टीम के नए हेड कोच होंगे. उनके नाम की अनुशंसा भारतीय खेल प्राधिकरण ने खेल मंत्रालय से की है. वाल्श ऑस्ट्रेलिया और हॉलैंड की टीम को कोचिंग दे चुके हैं. साई के महानिदेशक जिजी थॉमसन ने बताया कि वाल्श का नाम खेल मंत्रालय को भेज दिया गया है और एक सप्ताह के भीतर उनकी नियुक्ति को हरी झंडी मिल जाएगी.
थॉमसन ने कहा कि साईं ने उनके लिए 12000 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर प्रतिमाह तनख्वाह की सिफारिश की है. वाल्श 1976 मांट्रियल ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम के सदस्य थे.
थामसन ने कहा, ‘वाल्श का नाम साई ने खेल मंत्रालय को भेजा है. हमने उनके लिए 12 हजार डॉलर प्रतिमाह तनख्वाह तय की है. अब उनकी नियुक्ति पर फैसला मंत्रालय को लेना है. एक सप्ताह के भीतर उनकी नियुक्ति को हरी झंडी मिल जायेगी.’
उन्होंने कहा, ‘माइकल नोब्स को 11 हजार डॉलर प्रतिमाह मिल रहे थे.’ ऑस्ट्रेलिया और हॉलैंड के पूर्व कोच वाल्श इस पद की दौड़ में सबसे आगे थे. साइ महानिदेशक ने कहा कि रोलैंट ओल्टमेंस भारतीय हॉकी के हाई परफार्मेंस निदेशक बने रहेंगे.
समझा जाता है कि ओल्टमेंस ने यूरोप से लौटने के बाद वाल्श के नाम की सिफारिश की थी. वाल्श अमेरिकी हॉकी के तकनीकी निदेशक भी रह चुके हैं. थॉमसन ने कहा कि खेल मंत्रालय जल्दी ही 10 विदेशी कोचों की नियुक्ति को हरी झंडी देगा.
उन्होंने कहा, ‘अब भी मंत्रालय के पास 10 विदेशी कोचों की नियुक्तियां लंबित हैं. रोलैंट ओल्टमेंस (हॉकी इंडिया के हाई परफार्मेंस निदेशक), वाल्श बतौर मुख्य कोच के अतिरिक्त जिम्नास्टिक, वालीबाल, तीरंदाजी में भी विदेशी कोचों की नियुक्तियां होनी हैं. यह सभी एक सप्ताह में हो जाएंगी.’ थामसन ने कहा कि वह हर ओलंपिक खेल के लिये एक हाई परफार्मेंस निदेशक की नियुक्ति चाहते हैं, जिससे देश खेल की महाशक्ति बन सके.
अरुणाचल प्रदेश के दो तीरंदाजों को चीन द्वारा नत्थी वीजा दिये जाने के मसले पर उन्होंने कहा, ‘यह निराशाजनक है. साई इसमें कुछ नहीं कर सकता, लेकिन विदेश मंत्रालय को चीन से इस बारे में बात करनी चाहिये.’